खाड़ी देश कतर (Qatar) में फीफा वर्ल्ड कप के दौरान एक नई महामारी फैलने का खतरा मंडरा है. यह नई महामारी कैमल फ्लू (Camel Flu) हो सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एक्सपर्ट्स ने इसे लेकर बकायदा चेतावनी भी जारी की है. कैमल फ्लू को मिडल ईस्ट रिस्पायरेटरी सिंड्रोम (MERS) भी कहा जाता है. इससे 12 लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं.
न्यू माइक्रोब्स एंड न्यू इन्फेक्शंस (New Microbes and News Infections) पत्रिका में प्रकाशित एक स्टडी में कहा गया है कि कैमल फ्लू उन आठ संभावित संक्रमण जोखिमों से एक है, जिनसे चार हफ्तों तक चलने वाले वर्ल्ड कप को खतरा है. इनमें कोरोना और मंकीपॉक्स भी शामिल है.
क्या है कैमल फ्लू?
MERS का पहला मामला 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था. यह श्वास संबंधी वायरस है. यह वायरस इंसानों और जानवरों दोनों में देखने को मिलता है. यह बीमारी बड़े पैमाने पर ऊंटों से फैलती है.
डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में कैमल फ्लू को उन वायरसों की सूची में रखा है, जिसकी महामारी के रूप में तब्दील होने की संभावना है. संगठन के मुताबिक, कैमल फ्लू से संक्रमित होने वाले एक-तिहाई लोगों यानी लगभग 35 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है.
कैमल फ्लू के लक्षण
कैमल फ्लू के लक्षण तकरीबन कोरोना से मिलते-जुलते हैं. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है. डब्ल्यूएचओ के मुताबक, डायरिया भी इसका एक प्रमुख लक्षण है.
इससे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों और पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सबसे अधिक खतरा है. कैंसर, क्रॉनिक लंग डिजीज, हाइपरटेंशन, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और डायबिटीजी जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को भी इससे बहुत खतरा है.
कैमल फ्लू कैसे फैलता है?
कैमल फ्लू जानवरों से इंसानों में फैलता है. स्टडीज से पता चला है कि संक्रमत ऊंट से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इंसान संक्रमित हो सकते हैं. यह इंसानों से इंसानों में भी तेजी से फैल सकता है. इसकी अभी तक कोई वैक्सीन या इलाज उपलब्ध नहीं है.
ऊंट का मांस कितना सुरक्षित?
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ऊंट का कच्चा या अधपका मीट या दूध जोखिमभरा हो सकता है. इससे इंसानों के संक्रमित होने का खतरा है. हालांकि, ऊंट का मीट और दूध पौष्टिक होता है. लेकिन इनके सेवन से पहले इन्हें सही तरह से पकाना जरूरी है.
डब्ल्यूएचओ एक्सपर्ट्स ने कतर जा रहे यात्रियों को ऊंटों से दूरी बरतने विशेष रूप से उन्हें नहीं छूने की सलाह दी है. इसके सात ही खाने-पीने की चीजों के सुरक्षित इस्तेमाल सहित वैक्सीनेशन और जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा है.