scorecardresearch
 

स्मार्टफोन से पता चलेगा कैंसर है या नहीं? 15 सेकंड में ऐसे होगी 50 तरह की स्किन डिसीज की पहचान

Skin Disease Diagnose: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली द्वारा एक ऐसी मोबाइल एप लॉन्च की है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम पर काम करेगी. इस एप से कैंसर समेत 50 त्वचा संबंधित समस्याओं का पता लगाया जा सकता है.

Advertisement
X
(Image credit: getty images)
(Image credit: getty images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 50 तरह की स्किन समस्याओं का लगेगा पता
  • कैंसर की 15-30 सेकंड में होगी पहचान
  • मोबाइल एप से होगी पहचान

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका परमानेंट इलाज नहीं है. इस जानलेवा बीमारी से शरीर की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं और फिर धीरे-धीरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं. अगर वक्त रहते इस बीमारी का पता चल जाए तो कैंसर का इलाज किया जा सकता है. लेकिन अधिकतर लोगों को इसका पता काफी बाद में चलता है, जिस कारण इसका सही तरीके से इलाज भी नहीं हो पाता. लेकिन हालही में भारत में एक ऐसी सुविधा शुरू हुई है जिससे कैंसर समेत लगभग 50 स्किन डिसीज का पता मात्र 15-30 सेकंड में पता लगाया जा सकेगा. तो आइए अब उस सुविधा के बारे में भी जान लीजिए.

Advertisement

कहां शुरू हुई यह सुविधा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली द्वारा न्यूरिथम लैब स्टार्ट-अप के साथ मिलकर एक स्मार्टफोन एप की शुरुआत की है. इस एप के जरिए मात्र 15-30 सेकंड में स्किन और मुंह के कैंसर समेत त्वचा संबंधित अन्य समस्याओं का पता लगाया जा सकता है. 
 
एम्स में वेनेरोलॉजी और डर्मोटोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. सोमेश गुप्ता (Dr Somesh Gupta) के मुताबिक, स्किन डिसीज डायग्नोस्टिक सॉल्युशन मोबाइल एप्लिकेशन 'डर्माएड' (DermaAId) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम का उपयोग करेगी. इससे एक बेसिक स्मार्टफोन भी पावरफुल स्किनकेयर टूल में बदल जाता है.

डॉ. सोमेश ने आगे बताया कि सामान्य डॉक्टर्स के लिए मोबाइल एप स्किन की कंडीशन को समझने के लिए काफी अच्छा उपकरण साबित होगा. रिसर्च से पता चलता है कि डर्मेटोलॉजिस्ट की अपेक्षा सामान्य डॉक्टरों की सटीकता 40 से 50 प्रतिशत है.

Advertisement

डॉ. सोमेश ने बताया, इस एप से डॉक्टर मरीज के शरीर के घाव की फोटो लेता है और उसे क्लाउड सर्वर पर अपलोड कर देता है. इसके 15-30 सेकेंड के अंदर मोबाइल एप विश्लेषण करके जानकारी दे देती है. 

डॉ. सोमेश ने आगे बताया, इस एप का असली काम बैकएंड में होता है. क्योंकि सिक्योर सर्वर पर होस्ट किया गया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम, स्किन डिसीज और उसके इलाज के बारे में जानकारी देता है. भारत में कई लोगों को फंगल इंफेक्शन हो रहे हैं, जिसमें एक्जिमा, सूजन जैसी कई स्थितियां शामिल हैं. इस एप से फंगल इंफेक्शन से बिना स्टेरॉयड के निपटने में मदद मिलने की संभावना है.

50 से अधिक रोगों की पहचान करेगी एप

डॉ. सोमेश के मुताबिक, डर्माएड एप 50 से अधिक स्किन डिसीज की पहचान कर सकती है. इस साल के अंत इन स्किन डिसीज की संख्या को और भी अपडेट किया जाएगा.
 
यह एप मुंहासे, सोरायसिस, विटिलिगो, टिनिया, एक्जिमा, एलोपेशिया एरियाटा, बेसल सेल कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और मेलेनोमा जो त्वचा कैंसर के प्रकार हैं, उनके बारे में लगभग 80 प्रतिशत सटीक जानकारी दे सकता है. 

अगर दुनिया की बात करें तो स्किन रोग दुनिया में चौथे नंबर का सबसे अधिक होने वाला रोग है. डर्माएड का हेल्थकेयर डेटा भारत में बढ़ती उपलब्धता और स्मार्ट एनालिटिक्स का तेजी से विकास करके हमारी स्वास्थ प्रणाली को और बेहतर कर सकता है.

Advertisement

दुनिया में 12.5 लाख एलोपैथिक डॉक्टर

डॉ. सोमेश ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, भारत में केवल 12.5 लाख एलोपैथिक डॉक्टर हैं, जिनमें से केवल 3.71 लाख के पास स्पेशलिस्ट या पोस्ट ग्रेजुएट हैं. अब ऐसे में भारत में स्किन डिसीज एक्सपर्ट यानी डर्मेटोलॉजिस्ट की संख्या काफी कम होगी. इस एप से ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्किन प्रॉब्लम को समझने में मदद मिलेगी जहां डॉक्टर नहीं हैं. 

Health Tips: बिना दवा के ऐसे कम करें हाई ब्लड प्रेशर!

Advertisement
Advertisement