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Stealth Omicron: स्टील्थ ओमिक्रॉन ने बढ़ाया डर, जानें इससे अस्पताल में भर्ती होने का कितना खतरा?

पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच इसके नए सब-वैरिएंट का पता चला है. इस वैरिएंट को BA.2 या स्टील्थ ओमिक्रॉन कहा जा रहा है. ये भारत समेत 40 से अधिक देशों में पाया गया है. खास बात यह है कि ये वैरिएंट RT-PCR टेस्ट से भी बच सकता है. इसकी वजह से कोरोनी की एक और लहर आने की आशंका जताई जा रही है.

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सब वैरिएंट स्टील्थ ओमिक्रॉन ने बढ़ाई चिंता
सब वैरिएंट स्टील्थ ओमिक्रॉन ने बढ़ाई चिंता
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट ने बढ़ाया डर
  • भारत में भी सामने आए मामले
  • 40 देशों में फैला स्टील्थ ओमिक्रॉन

ओमिक्रॉन के कहर के बाद अब स्टील्थ ओमिक्रॉन (Stealth Omicron) ने लोगों के बीच डर बढ़ा दिया है. ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट Stealth Omicron (BA.2) को मूल ओमिक्रॉन से भी बहुत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. स्टील्थ ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा सैंपल अब तक भारत समेत डेनमार्क, ब्रिटेन, स्वीडन और सिंगापुर में पाए गए हैं. यूरोपीय देशों में ये सब वैरिएंट तेजी से अपने पैर पसार रहा है. इसकी सबसे अधिक ट्रांसमिसिबल स्ट्रेन को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि ये Covid-19 की लहर को और बड़ा बना सकता है.

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क्या है स्टील्थ ओमिक्रॉन- स्टील्थ ओमिक्रॉन की पहचान UK स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने की है. UKHSA की इंसीडेंट डायरेक्टर डॉक्टर मीरा चंद ने कहा, 'विकसित और म्यूटेट होना वायरस का नेचर है,  इसलिए ये उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में हमें कई नए-नए वैरिएंट्स देखने को मिल सकते हैं. जीनोमिक सर्विलांस के जरिए हम इनकी पहचान कर सकते हैं और इस बात का आकलन कर सकते हैं कि ये गंभीर है या नहीं.' इस सब-लीनिएज (sub lineage) की पहचान पिछले साल दिसंबर के महीने में की गई थी.

स्टील्थ ओमिक्रॉन की पहचान- ब्रिटेन में स्टील्थ ओमिक्रॉन यानी BA.2 सब वैरिएंट (sub variant) के 426 मामलों की पहचान की है. UKHSA ने कहा कि वायरल जीनोम में बदलाव पर अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन शुरुआती आकलन से पता चलता है कि ओरिजनल ओमिक्रॉन BA.1 की तुलना में स्टील्थ ओमिक्रॉन (BA.2) की ग्रोथ रेट बढ़ी है.  UKHSA के अनुसार  स्टील्थ ओमिक्रॉन अब तक 40 देशों में पाया गया है. सबसे ज्यादा ये डेनमार्क में फैल रहा है. 

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क्या कहते हैं वैज्ञानिक- स्टेटन्स सीरम इंस्टीट्यूट (SSI) के एक शोधकर्ता एंडर्स फॉम्सगार्ड ने स्थानीय मीडिया से कहा, 'सब वैरिएंट के तेजी से विकास को अभी अच्छी तरह से नहीं समझाया जा सकता है. इसकी ग्रोथ पर मैं हैरान हूं लेकिन चिंतित नहीं हूं. हो सकता है कि ये आबादी में इम्यूनिटी के प्रति अधिक प्रतिरोधी है, जिसकी वजह से ये लोगों को तेजी से संक्रमित कर रहा है.  उन्होंने कहा कि इस बात की भी संभावना है कि BA.1 से संक्रमित होने के बाद आप BA.2 की भी चपेट में आ जाएं. उन्होंने कहा, 'ये एक संभावना है और हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए. इस स्थिति में हम इस महामारी के दो पीक देख सकते हैं.'

अस्पताल जाने का कितना खतरा- डेनमार्क के SSI के शुरुआती डेटा के मुताबिक BA.1 की तुलना में BA.2 के लिए अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में कोई अंतर नहीं देखा गया है. ओमिक्रॉन के  BA.2 सब वैरिएंट में कोई ऐसा विशेष म्यूटेशन नहीं पाया गया है जिसकी मदद से इसे डेल्टा से आसानी से अलग किया जा सके. वहीं, कई हेल्थ एक्सपर्ट्स का दावा है कि ये सब वैरिएंट RT-PCR टेस्ट से भी बच सकता है.

 

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