एक नई स्टडी से पता चला है कि कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं के भ्रूण और गर्भनाल के लिए गंभीर खतरा बन सकता है. कोरोना से गर्भ में पल रहे भ्रूण के अंगों और मस्तिष्क का विकास भी प्रभावित हो सकता है.
कोरोना महामारी के शुरुआती दौर में संक्रमित हो चुकी महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है. स्टडी में कहा गया है कि कोरोना से पहले संक्रमित हो चुकी महिलाओं बाद में गर्भधारण करने पर इसके नुकसान देखने को मिल सकते हैं. यह स्टडी द लैंसेट रीजनल हेल्थ-यूरोप जर्नल में प्रकाशित हुई..
स्टडी के नतीजों से पता चला है कि कोरोना के दौरान इसके अलग-अलग वेरिएंट से कई स्तर पर भ्रूण को नुकसान पहुंचा है. इस तरह के मामलों की संख्या प्री-ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रभावितों में अधिक रही. स्टडी में बताया गया कि कोरोना से गर्भाशय के ऊपरी हिस्से पर असर पड़ता है और भ्रूण के विकास को नुकसान पहुंच सकता है.
इस स्टडी के ऑथर ग्रेगर कैस्प्रियन ने बताया कि हमारी स्टडी के नतीजों से पता चला है कि इस स्टडी में शामिल ऐसी दो महिलाएं जिन्होंने वैक्सीन की डोज नहीं ली थी. सार्स-सीओवी-2ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद उनके गर्भ में पल रहे भ्रूण में दिक्कतें देखी गईं.