भारत में बीते कई सालों में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. डायबिटीज को एक साइलेंट किलर कहा जाता है. डायबिटीज की बीमारी एक तरह का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या उसे इसका ठीक से उपयोग करने में दिक्कत होती है. जिसकी वजह से शरीर में इंसुलिन की कमी से शुगर का लेवल बढ़ने लगता है जो किडनी, स्किन, हृदय, आंखों और ओवरऑल पूरी हेल्थ को प्रभावित करता है. शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने पर टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.
शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने पर हाथ-पैर सुन्न होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा भी कई ऐसे लक्षण हैं जो शुगर लेवल बढ़ने पर दिखाई देते हैं. आइए जानते हैं इन लक्षणों और संकेतों के बारे में -
सुन्नपन- पैरों और टांगों में बिना किसी कारण के सुन्नपन या सेंसेशन का खत्म होना डैमेज नसों का एक संकेत है. यह दर्द या किसी अन्य चीज को महसूस करने की क्षमता को कम कर देता है.
झुनझुनी- क्या आपको अचानक पैरों या हाथों पर टूथपिक चुभने जैसा महसूस होता है? इस चुभन को झुनझुनी कहा जाता है. लंबे समय तक ब्लड शुगर का हाई लेवल नर्वस को प्रभावित करता है जिससे दिमाग में सिग्नल फ्लो बंद हो जाता है.
क्रैंप्स- पैर में ऐंठन- नसों के डैमेज होने से अचानक मांसपेशियों में ऐंठन या पैर में ऐंठन की समस्या हो जाती है. यह रात के समय अधिक हो सकता है, लेकिन अलग-अलग लोगों में यह अलग-अलग होता है. कुछ लोग तेज दर्द की भी शिकायत करते हैं.
पैर के छाले- डायबिटीज के कारण पैर में होने वाली समस्या आम है. जब ब्लड शुगर का लेवल ज्यादा होता है, तो यह पेरीफेरल नर्वस को नुकसान पहुंचाता है. इससे सेंसेशन में कमी, सुन्नता और झुनझुनी का अनुभव होता है. ब्लड फ्लो में भी कमी होती है जो ट्रीटमेंट में बाधा डालती है. इसलिए, मामूली कट, रेडनेस, खराब फिटिंग वाले जूते के कट से खतरनाक अल्सर हो सकते हैं.