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क्या कम उम्र की महिलाओं में बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा? जानें क्या कह रहे एक्सपर्ट

कम उम्र में महिलाओं को दिल की बीमारियां होना, अब आम होता जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव भरी लाइफ स्टाइल, ऑफिस और घर के काम का दबाव और बढ़ते धूम्रपान की आदत होने से महिलाओं में दिल की बीमारियां होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. हालांकि कुछ सावधानियां बरतने से इस खतरे को कम किया जा सकता है.

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Heart attack risk in young women
Heart attack risk in young women

एक्ट्रेस सुष्मिता सेन को कुछ दिन पहले दिल का दौरा पड़ा था. सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इसकी सूचना देते हुए लिखा था, 'मुझे कुछ दिनों पहले ही दिल का दौरा पड़ा था. एक हार्ट सर्जरी के दौरान एंजियोप्लास्टी हुई और स्टेंट डाला गया है, अब वह स्वस्थ हैं.' 47 वर्षीय सुष्मिता सेन अपनी हेल्थ को लेकर बहुत अलर्ट रहती हैं, उसके बाद भी उन्हें हार्ट अटैक का सामना करना पड़ा.

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विशेषज्ञों का कहना है कि पहले 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को हार्ट अटैक अपने की घटनाएं सुनने में आती थीं लेकिन अब किशोर और युवा हार्ट अटैक के ज्यादा शिकार हो रहे हैं. इस एज ग्रुप में कम उम्र की महिलाएं भी शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मेट्रो सिटीज में युवा महिलाएं बहुत ज्यादा स्मोकिंग करती हैं. मल्टी नेशनल कंपनियों के करियर की दुनिया में  काफी ज्यादा कम्पटीशन होने के कारण उनका तनाव कई गुना बढ़ गया है. इन चीजों के साथ हर दिन का जीवन चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, जिससे कम उम्र की महिलाओं को दिल का दौरा आने की घटनाएं बढ़ रही हैं.

ऑफिस और घर पर काम करने का तनाव

विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाएं अब खाना पकाने और घर के काम को अपने जीवन के लक्ष्य के रूप में नहीं देख रही हैं. बल्कि वे चुनौतीपूर्ण करियर का चयन कर रही हैं, लेकिन वर्क प्लेस और घरेलू मोर्चे पर काम करने का तनाव उनके स्वास्थ्य पर भारी पड़ रहा है.

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खराब आदतें कर रहीं बीमार

विशेषज्ञ ने कहा कि वह इस बात से सहमत है कि युवाओं में दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं. उन्हें अचानक कार्डिएक अरेस्ट हो रहा है, जिससे उनकी मौत हो रही है. इन सब के पीछे बिगड़ती जीवन शैली, ड्रग्स, धूम्रपान, जिम में स्वदेशी सामग्री, तनाव, खराब भोजन की आदतें जिम्मेदार हैं.

डॉक्टरों का कहना है कि यह झूठ है कि दिल की बीमारियों के चलते पुरुषों की तुलना में महिलाओं की ज्यादा जान जाती है. उन्होंने बताया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से हृदय रोगों का खतरा होता है. महिलाओं को दिल के दौरे से ओस्ट्रोजेन (महिला हार्मोन) द्वारा संरक्षित किया जाता है, लेकिन महिलाओं की जीवन शैली में बदलाव के साथ, करियर स्ट्रेस,वर्क लाइफ और पारिवारिक संतुलन, जंक फूड की आदतें, गतिहीन जीवन, धूम्रपान और गर्भ निरोधक गोलियों के साथ धूम्रपान करने से महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने का खतरा 5 गुना बढ़ जाता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि सुष्मिता सुपर फिट हैं, लेकिन सितारे, अभिनेता, मॉडल बहुत ज्यादा तनाव में रहते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए एक नेगेटिव फैक्टर है. जिम जाने वालों के पास कुछ बाहरी उत्पाद जैसे प्री वर्क आउट, स्टेरॉयड, प्रोटीन आदि होते हैं, ये भी सेहत के लिए हानिकारक होते हैं.

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महिला में दिल के दौरे के सामान्य नहीं होते लक्षण

महिलाओं में कभी भी दिल के दौरे के लक्षण सामान्य नहीं होते हैं. उनके सीने में बाईं ओर दर्द नहीं होता है, बल्कि उन्हें एपिजेस्ट्रिक दर्द, कंधों में दर्द, जबड़ों और बाहों के दोनों तरफ दर्द, पसीने के साथ बेचैनी होती है. 

तनाव को कम करने के लिए वक्त निकालें

डॉक्टर ने बताया कि बच्चे पैदा करने की उम्र वाली महिलाएं जो गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन कर रही हैं, उन्हें धूम्रपान नहीं करना चाहिए क्योंकि यह वास्तव में दिल के दौरे के खतरे को कई गुना बढ़ा देता है. जीवन में तनाव को कम करने के लिए विश्राम के लिए वक्त निकालना चाहिए. यह वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.

 

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