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दुर्लभ बीमारी से 50 किलो का हो गया था पैर, नौकरी भी गई, 90 घंटे के ऑपरेशन के बाद ऐसा है हाल

हाथी पैर बीमारी को मेडिकल की भाषा में लिम्फीडिमा या फाइलेरिया (Lymphedema or filariasis) कहा जाता है. इस बीमारी में कुछ ही समय में पैर का साइज काफी बड़ा हो जाता है और हाथी के पैर जैसा दिखने लगता है. दुनिया की इस सबसे अनोखी बीमारी का इलाज भारत में हुआ है. इसके ऑपरेशन के लिए 18 सर्जरी की गई थीं.

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अमित कुमार को एक्सीडेंट के बाद यह बीमारी हो गई थी.
अमित कुमार को एक्सीडेंट के बाद यह बीमारी हो गई थी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दुनिया की सबसे अनोखी बीमारी है
  • 25 डॉक्टर्स ने 90 घंटे में 18 सर्जरी कीं
  • स्लो पॉइजन जैसी है यह बीमारी

दुनिया में कई ऐसी बीमारियां हैं, जिनका इलाज संभव नहीं है. ऐसी ही एक बीमारी का नाम है लिम्फीडिमा जिसे आम भाषा में हाथी पांव भी बोलते हैं. इसे दुनिया की सबसे अनोखी बीमारी बताया जाता है. मेडिकल साइंस में कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं, जब कहा जाता है कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. दरअसल, कुछ समय पहले डॉक्टर्स की टीम ने हाथी पांव से पीड़ित एक व्यक्ति का सफल ऑपरेशन किया है. इस ऑपरेशन से पहले मरीज देश के सभी बड़े से बड़े अस्पतालों का चक्कर लगा चुका था, लेकिन मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने सर्जरी करके इस नामुमकिन काम को मुमकिन कर दिया. 

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एक्सीडेंट के बाद हुई थी शिकायत

10 साल से चल नही पाते थे अमित

हाथी पांव से पीड़ित व्यक्ति का नाम अमित कुमार शर्मा है. इनका करीब 10 साल पहले एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उनके बाएं पैर में लिम्फीडिमा नाम की बीमारी हो गई थी. इस बीमारी में मरीज का पैर थोड़ा ही समय में हाथी के पैर के बराबर हो जाता है. अमित ने पिछले 10 सालों देश के सभी बड़े अस्पतालों में चक्कर काट लिए थे, जिस कारण उनकी जेब में पैसे भी नहीं बचे थे. इस बीमारी की वजह से वे चल भी नहीं पाते थे, इस कारण उनकी नौकरी भी जा चुकी थी. उनके अलावा घर में कोई कमाने वाला नहीं था. फिर अमित ने 2021 अगस्त में मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज में डॉक्टर्स को दिखाया और उसके बाद से ही उनकी सर्जरी की शुरुआत हुई. 

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25 डॉक्टरों की टीम ने की 18 सर्जरी

18 सर्जरी में 90 घंटे का समय लगा

अमित के इलाज करने के लिए मैक्स हॉस्पिटल के 25 डॉक्टर्स की टीम ने 6 महीने में 18 से ज्यादा सर्जरी कीं. ये सर्जरियों में 90 घंटे से अधिक समय लगा. जब अमित मैक्स हॉस्पिटल आए थे तो उनके पैर का वजन करीब 50 किलो था, जो अब करीब 23 किलो का रह गया है. यानी सर्जरी के बाद उनके पैर का 27 किलो वजन कम हो चुका है. मैक्स हॉस्पिटल पड़पड़गंज के MD डॉ. मनोज के मुताबिक, यह उनके लिए बिल्कुल नया केस था और अमित का कई जगह इलाज पहले भी हो चुका था, जिसकी वजह से केस खराब हो रहा था. लेकिन हमारी सफल सर्जरीज के बाद अमित अब चल सकते हैं. 

कैंसर बराबर खतरनाक है बीमारी

आम तौर पर अगर इस बीमारी को आप कैंसर जितना खतरनाक कह सकते हैं. इसमें मरीज की किसी हादसे में कुछ नसें डैमेज हो जाती हैं, जिसकी वजह से खून का प्रवाह नही हो पाता और खून एक जगह इकट्ठा होना शुरू हो जाता है. इस कारण पैर का साइज लगातार बढ़ने लगता है और उसका सीधा असर दिमाग और दिल पर पड़ता है. 

यह एक तरह का स्लो पॉइजन है, जो मरीज की धीरे-धीरे जान ले लेता है. हालांकि अब अमित अपने इस ऑपरेशन के बाद चल पा रहे हैं. वही डॉक्टर्स की मानें तो आने वाले दिनों में उनके दोनों पैरों का साइज लगभग समान भी हो जाएगा.

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