भारत में मंकीपॉक्स अब धीरे-धीरे अपने पैर पसारने लगा है. कई शहरों में इसके मामले सामने आने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स भी अब अलर्ट मोड में आ गए हैं. दुनिया भर में इसके खतरे को बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र एजेंसी भी इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर चुकी है. WHO ने भी मंकीपॉक्स के जोखिम को कम करने के लिए कई तरह की गाइडलाइन्स जारी की हैं जिसमें पुरुषों के सेक्सुअल बिहेवियर से जुड़ी कुछ खास बातें हैं.
WHO के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयसस ने कहा कि इसका सबसे पहला मामला मई में सामने आया था. इसके बाद से 98% मंकीपॉक्स के मामले गे, बायसेक्सुअल और पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों में पाए गए हैं. टेड्रोस ने लोगों से अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, 'पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों को अपने और दूसरों के लिए सुरक्षित विकल्प बनाना चाहिए. इसके लिए सेक्सुअल पार्टनर्स की संख्या भी कम करनी चाहिए.'
WHO प्रमुख ने कहा कि मंकीपॉक्स से संक्रामक मरीज को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए और किसी भी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए. साथ ही किसी भी फिजिकल कॉन्टेक्ट या फिर नए सेक्सुअल पार्टनर बनाने से भी बचना चाहिए. हालांकि, US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने सेक्सुअल पार्टनर की संख्या कम करने जैसा कोई सुझाव नहीं दिया है. एजेंसी ने बस मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीजों से स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट ना रखने की सलाह दी है.
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स किसी मरीज, उसके कपड़ों या बेडशीट के संपर्क में आने वाले को भी संक्रमित कर सकता है. स्वास्थ्य एजेंसी ने चेतावनी दी है कि कमजोर इम्यूनिटी वालों जैसे कि बच्चों या गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी अधिक गंभीर हो सकती है.
WHO के सलाहकार एंडी सील ने कहा कि विशेषज्ञों के अनुसार मंकीपॉक्स स्पष्ट रूप से सेक्स के दौरान फैला लेकिन उन्होंने अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकाला है कि यह यौन संचारित संक्रमण था या नहीं.
कंडोम से क्या कम होगा खतरा?
सील ने कहा कि गे और बायसेक्सुअल लोगों से उनके सेक्सुअल पार्टनर घटाने की बात उन्हीं के समुदाय से आ रही थी. हालांकि ऐसा संदेश सिर्फ कुछ दिनों के लिए था और हम उम्मीद करते हैं कि ये प्रकोप भी बस कुछ समय का ही होगा. सील ने कहा, 'यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या कंडोम इस संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद करेगा या नहीं क्योंकि मंकीपॉक्स हर्पीस की तरह करीबी शारीरिक संपर्क से फैलता है. उन्होंने कहा, 'सेक्स के दौरान होने वाली इंटीमेसी और करीबी ट्रांसमिशन की मुख्य वजह है.' स्पेन और इटली के वैज्ञानिकों ने मरीजों के सीमेन के सैंपल में मंकीपॉक्स डीएनए का पता लगाया, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वायरस वास्तव में इस तरह फैल रहा है या नहीं.
UK में मंकीपॉक्स के मरीजों का इलाज करने वाले डॉ ह्यूग एडलर ने कहा कि ये वायरस सेक्स की वजह से फैल रहा है. किसी अनजान के साथ सेक्स करने वाले नेटवर्क इस बीमारी को और फैलाने का काम कर रहे हैं. ऐसी संभावना है कि मंकीपॉक्स हमेशा से ही इसी तरह फैलता रहा हो लेकिन शायद पहले ज्यादा मामले सामने नहीं आए और इसे व्यापक रूप से रिपोर्ट नहीं किया गया.
WHO के मंकीपॉक्स एक्सपर्ट, रोसमंड लुईस ने कहा कि जो पुरुष पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं, उनमें इस संक्रमण का सबसे अधिक खतरा होता है. मंकीपॉक्स के लगभग 99% मामले पुरुषों में होते हैं, और उनमें से कम से कम 95% मरीज पुरुष होते हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. पिछले हफ्ते न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी एक स्टडी में भी पाया गया कि 98 प्रतिशत संक्रमित लोग गे या बायसेक्सुअल थे, और 95 प्रतिशत मामले सेक्सुअल एक्टिविटी से फैले थे.
पहले मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों से वायरस औसतन एक से भी कम व्यक्ति में पहुंचता था, यही वजह है कि इसके पिछले प्रकोप अतने व्यापक रूप से नहीं फैले थे. लुईस ने कहा कि मंकीपॉक्स से पीड़ित व्यक्ति अब वायरस को अधिक लोगों तक पहुंचाने में सक्षम हो सकता है क्योंकि चेचक का वैक्सीनेशन कम होने से ग्लोबल इम्यूनिटी भी घट गई है. मंकीपॉक्स चेचक की ही तरह होता है लेकिन उससे थोड़ा कम गंभीर है.
कैसे फैल रहा है मंकीपॉक्स- हालांकि मंकीपॉक्स मुख्य रूप से सेक्स के दौरान फैल रहा है लेकिन फिर भी कोई भी व्यक्ति करीबी शारीरिक संपर्क के जरिए भी इस वायरस की चपेट में आ सकता है. इसमें संक्रमित व्यक्ति के परिवार में एद-दूसरे को गले लगना और किस करना भी शामिल है. ये संक्रमित व्यकित का तौलिया या बिस्तर शेयर करने से भी हो सकता है. इस समय मंकीपॉक्स के कई ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिसमें महिलाएं और छोटे बच्चे भी इस वायरल से संक्रमित हो रहे हैं हालांकि ऐसे मामले अभी बहुत कम हैं.
अगर घाव संक्रमित व्यक्ति के मुंह में हो तो मंकीपॉक्स ड्रॉपलेट्स से भी फैल सकता है लेकिन इसकी संभावना भी तब है जब आप संक्रमित व्यक्ति के बिल्कुल सामने खड़े होकर देर तक बातें करें. लुईस का कहना है कि लोग अपना एक्सपोजर कम कर दें तो मंकीपॉक्स का प्रकोप अभी भी नियंत्रित हो सकता है.
मंकीपॉक्स के लक्षण- US सीडीसी के अनुसार, ज्यादातर लोग जो मंकीपॉक्स से संक्रमित होते हैं, वो दो से चार सप्ताह में ठीक हो जाते हैं. इस वायरस की वजह से शरीर में रैशेज पड़ जाते हैं जिनसे बहुत दर्द होता है. पहले के मामलों में मंकीपॉक्स फ्लू के समान लक्षणों के साथ शुरू होता था और उसके बाद दाने होते थे जो पूरे शरीर में फैल जाते थे लेकिन वर्तमान प्रकोप में मंकीपॉक्स के लक्षण असामान्य तरीके के हैं. कुछ लोगों को पहले चकत्ते होते हैं फिर फ्लू के लक्षण आते हैं, जबकि कुछ लोगों में बिना किसी फ्लू के लक्षण के ही दाने होते हैं. बहुत से लोगों को प्राइवेट पार्ट के पास रैशेज महसूस हो रहे हैं.