कोरोना वायरस का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट दुनिया के लिए एक नई मुसीबत बनता जा रहा है. भारत में ओमिक्रॉन संक्रमण के अब तक 38 मामले सामने आ चुके हैं. इसी बीच WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने ओमिक्रॉन को तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बताया है. साथ ही ओमिक्रॉन से वैक्सीन की प्रभावशीलता कम होने का भी दावा किया है. हालांकि, शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, नया वैरिएंट गंभीर लक्षण पैदा नहीं करता है.
भारत में तबाही मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट पूरी दुनिया में संक्रमण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है. एक्सपर्ट भी ओमिक्रॉन को डेल्टा से कम खतरनाक वैरिएंट बता रहे हैं. बहुत ज्यादा म्यूटेशन वाला ओमिक्रॉन सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. इस खतरे को देखते हुए पिछले महीने ही कई देशों ने अफ्रीकी देशों की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही, संक्रमण की रफ्तार को कम करने के लिए घरेलू प्रतिबंधों को फिर से लागू किया.
WHO ने कहा कि 9 दिसंबर तक ओमिक्रॉन 63 देशों में फैल चुका है. दक्षिण अफ्रीका में इसे तेजी से फैलने वाले वैरिएंट के रूप में देखा गया, जहां डेल्टा का असर कम था. वहीं, ब्रिटेन में डेल्टा ज्यादा खतरनाक वैरिएंट है. शुरुआती आंकड़ों के आधार पर WHO ने कहा कि ओमिक्रॉन इंफेक्शन के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता को कम करता है. मौजूदा डेटा ये बताता है कि कम्यूनिटी ट्रांसमिशन होने पर नया वैरिएंट डेल्टा से आगे निकल सकता है.
ओमिक्रॉन इंफेक्शन में अब तक हल्के लक्षण वाले या एसिम्प्टोमैटिक मामले ही देखने को मिले हैं. हालांकि WHO का कहना है कि वैरिएंट की गंभीरता को लेकर स्पष्ट दावा करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं है. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में WHO को 24 नवंबर को जानकारी दी थी.
पिछल हफ्ते Pfizer/BioNTech ने अपनी वैक्सीन के तीन डोज को ओमिक्रॉन के खिलाफ प्रभावशाली बताया था. ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश भी अपने नागरिकों से ओमिक्रॉन से बचने के लिए तीसरा डोज लेने की अपील कर रहे हैं. दुनियाभर के एक्सपर्ट ओमिक्रॉन संक्रमण में हल्का बुखार, शरीर में दर्द और सूखी खांसी जैसे लक्षण दिखने का दावा कर रहे हैं. नए वैरिएंट में स्वाद या गंध को पहचानने की शक्ति खोने जैसे लक्षण नहीं देखे गए हैं.