भारत में कोरोना का नया वैरिएंट (New variant of Covid-19) तेजी से अपने पैर पसार रहा है. ओमिक्रॉन (Omicron variant) देश के 21 राज्यों में पहुंच चुका है. यहां ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 650 के पार हो गई है. तेजी से बढ़ते इन मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों के लिए कई तरह के निर्देश जारी किए हैं ताकि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. विदेशों में ये वैरिएंट पूरी तरह हावी हो चुका है और एक्सपर्ट्स का दावा है कि आने वाले दिनों में भारत में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिल सकती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स- कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (KIMS), हैदराबाद के निदेशक डॉक्टर संबित के अनुसार, भारत में जनवरी 2022 के अंत तक Coid-19 के मामलों में वृद्धि देखी जा सकती है. उन्होंने ANI को बताया, 'जनवरी के अंत तक कोरोना के मामले बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि हम दुनिया से अलग नहीं हैं. पूरी दुनिया जिस चुनौती का सामना कर रही है, हमें भी उसका सामना करना होगा.'
डॉक्टर संबित ने कहा, 'अभी तक हमने COVID-19 के मामलों में वृद्धि नहीं देखी है, लेकिन अब ये धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हम ये निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि ये ओमिक्रॉन की वजह से हो रहा है या फिर डेल्टा की वजह से क्योंकि इसके लिए जेनेटिक टेस्टिंग की जरूरत है. इनमें से अधिकतर लोगों को बुखार, सिरदर्द, बंद नाक और खांसी की समस्या हो रही है. अभी तक हमने ऐसा मरीज नहीं देखा है जिसे सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी हो.'
भारत में तीसरी लहर आने की आशंका
डॉक्टर ने कहा कि भारत में जल्द ही कोरोना की तीसरी लहर (third wave of Covid) आ सकती है. उन्होंने कहा, 'अस्पतालों में ऑक्सीजन, वैक्सीन और दवाओं जैसी सभी चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था कर ली गई है. दुनिया जिस चीज का सामना अभी कर रही है, आने वाले दिनों में हम भी उसी का सामना करेंगे.'
दिल्ली में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों पर महामारी एक्सपर्ट्स गिरिधर आर बाबू का कहना है कि केवल फेस्टिवल की वजह से कोरोना के मामले नहीं बढ़ रहे हैं बल्कि इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' घोषित किया जा चुका ओमिक्रॉन भी जिम्मेदार है. ओमिक्रॉन की वजह से आने वाले दो महीनों में इनकी संख्या और बढ़ सकती है.
उन्होंने कहा, भारत में कोविड के मामलों में अचानक से बढ़ोत्तरी होगी और फिर इसका ग्राफ धीरे-धीरे गिरने लगेगा. भारत में कोविड के सबसे ज्यादा मामले 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच आ सकते हैं. जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है और कोविड से संक्रमित नहीं हुए हैं, उन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा होगा.
एक अन्य एक्सपर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले और पजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी लेकिन इससे ज्यादा लोगों की जानें नहीं जाएंगी. सफदरजंग हॉस्पिटल में कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा, हम कह सकते हैं कि 60 से 70 फीसदी कोविड केस ओमिक्रॉन की वजह से हो सकते हैं जबकि बाकी के लिए अन्य वैरिएंट जिम्मेदार हो सकते हैं. संक्रमण सोशल डिस्टेंसिंग ना होने पाने पर और तेजी से फैलता है. सर्दियों में लोग कमरों में बंद रहते हैं और एक-दूसरे से मुलाकात करते हैं, ऐसे वक्त में इंफ्लुएंजा के मामले भी बढ़ जाते हैं.
ओमिक्रॉन के मरीजों में दिख रहे हैं ये लक्षण- डॉक्टर्स के मुताबिक डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों में 4 अलग-अलग लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इसमें थकान, जोड़ों का दर्द, सर्दी और 102 से लेकर 108 डिग्री तक तेज बुखार महसूस हो रहा है. वहीं दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर्स का कहना है कि ओमिक्रॉन की संक्रामकता बहुत तेज है लेकिन इसकी वजह से हल्की बीमारी ही हो रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक निश्चित रूप से वैक्सीन इसे संक्रामक होने से रोकेगी लेकिन जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है उसमें ये खतरा 100 फीसद है. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अस्वस्थ महसूस करते हैं, तो भले ही आपमें कोई लक्षण ना दिखाई दे रहे हो आप बिना देरी के कोरोना का RT-PCR टेस्ट करा लें. कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपमें कोरोना के कोई भी लक्षण हैं और आपका टेस्ट भले ही नेगेटिव आता हो तो भी आपको खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए.