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Omicron: ओमिक्रॉन के बढ़ते खतरे के बीच आई नई स्टडी, ऐसे लोगों में कोविड से मौत का खतरा दोगुना

Omicron risk: द यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग के अध्ययन में 1,500 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो कोविड संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे. शोध में पाया गया कि वैसे मोटे मरीज, जिनका BMI अधिक था, उन्हें ICU में भर्ती करने की जरूरत पड़ी.

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मोटे लोगों में कोविड का संक्रमण गंभीर होने का खतरा ज्यादा
मोटे लोगों में कोविड का संक्रमण गंभीर होने का खतरा ज्यादा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोविड को लेकर सामने आई नई स्टडी
  • मोटे कोविड मरीजों में मौत का खतरा दोगुना
  • ICU में भर्ती होने की संभावना भी ज्यादा

Covid 19 risk in India: कोरोनोवायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच एक नई स्टडी सामने आई है. इस स्टडी में यह कहा गया है कि जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI)अधिक है, वो अगर कोविड से संक्रमित होते हैं तो उनके मौत का खतरा दोगुना है. ऐसे मरीजों के ICU में भर्ती होने का खतरा भी दोगुना है.

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स्वीडेन की 'द यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग' के इस अध्ययन में 1,500 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जो कोविड संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती हुए थे. PLOS ONE पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में पाया गया कि वैसे मोटे मरीज, जिनका BMI अधिक था, उन्हें अस्पताल के ICU में भर्ती करने की जरूरत पड़ी.

क्या है बॉडी मास इंडेक्स (BMI)?

बीएमआई (BMI) शरीर की लंबाई और वजन का अनुपात है. यानी बॉडी मास इंडेक्स ये बताता है कि शरीर का वजन लंबाई के हिसाब से ठीक है या नहीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई 25 या इससे अधिक है तो वो अधिक वजनी यानी ओवरवेट है. वहीं अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई 30 या इससे अधिक है तो वो मोटापे की बीमारी यानी ओबेसिटी से ग्रस्त है.

'द यूनिवर्सिटी ऑफ गोथेनबर्ग' के अध्ययन में कहा गया, 'कोविड-19 से संक्रमित मरीजों में मृत्यु का खतरा और लंबे समय तक आईसीयू में रहने का मामला उनके बॉडी मास इंडेक्स से जुड़ा था. अध्ययन से हासिल जानकारी के आधार पर हम ये सुझाव देते हैं कि कोविड-19 से संक्रमित वैसे मरीज, जो मोटे हैं, अस्पताल में भर्ती किए जाने पर उन्हें गहन निगरानी में रखा जाना चाहिए.'

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वहीं, जून 2021 में द लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया था कि यह बात अभी सिद्ध नहीं हो पाई है कि अगर कोई व्यक्ति अपना वजन कम कर लेता है तो उसमें कोविड का संक्रमण गंभीर होने का खतरा कम हो जाएगा.

स्टडी में कहा गया, 'हमारी शोध कहती है कि लोगों को एक हेल्दी वेट मेंटेन करना चाहिए. वजन कम करने से टाइप 2 डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग और कई तरह के कैंसर का खतरा कम होता है.'

मार्च 2021 में भी 'वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन' की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें ये कहा गया था कि कोरोनावायरस से उन देशों में अधिक मौतें हो रही हैं जहां की अधिकतर जनसंख्या मोटापे से ग्रस्त है.

शोधकर्ताओं ने बताया था कि मोटे युवाओं में कोविड संक्रमण से मौत का खतरा 10 गुना अधिक था. शोधकर्ताओं ने पाया कि 2020 के अंत तक, कोरोनावायरस के कारण वैश्विक मृत्यु दर उन देशों में 10 गुना अधिक थी जहां आधे से अधिक वयस्क अधिक वजनी थे.

वजन कम करने के लिए क्या करें?

एक्सपर्ट्स की मानें तो वजन अचानक से कम नहीं करना चाहिए बल्कि एक हेल्दी तरीका अपनाकर धीरे-धीरे वेट लॉस करना सही माना जाता है. कोविड के बढ़ते खतरे के बीच अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-

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संतुलित और हेल्दी डाइट लें. खाने में हरी सब्जियों और फलों की मात्रा ज्यादा रखें.

एक्टिव रहें और नियमित रूप से  व्यायाम करें

अच्छी नींद  लें और तनाव को कम करें.

शराब और धूम्रपान से दूरी बनाए रखें. 

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