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Omicron: ओमिक्रॉन का पीक आने पर क्या होगा, हालात होंगे खराब? शीर्ष वैज्ञानिक ने किया ये दावा

कोरोना के बढ़ते मामलों और इसके नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने लोगों को डरा दिया है. पिछले 24 घंटों के भीतर देश में 32 हजार से ज्यादा केस सामने आए हैं और 116 मौतें हुई हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसा हालांकि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन का खतरा कम है लेकिन फिर ये हर किसी को अलग-अलग तरीके से प्रभावित कर रहा है. अमेरिका के टॉप साइंटिस्ट एंथनी फाउची ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच एक उम्मीद जता रहे हैं.

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पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
  • ओमिक्रॉन ने बढ़ाई चिंता
  • US के टॉप साइंटिस्ट ने जगाई उम्मीद

ओमिक्रॉन (Omicron) की वजह से पूरी दुनिया में कोरोना के मामले (covid 19 cases) तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं. खासतौर से US और UK में अब ये बेकाबू हो चुका है. ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ते मामले डरा रहे हैं लेकिन अमेरिका के शीर्ष महामारी सलाहकार एंथनी फाउची (Anthony Fauci) ने इन सबके बीच एक उम्मीद जताई है. एक स्थानीय न्यूज चैनल को दिए इंटव्यू में फाउची ने ओमिक्रॉन, कोरोना के अन्य स्ट्रेन ओर इसके पीक पर कई अहम बातें बताई हैं.

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ओमिक्रॉन का पीक जल्द- फाउची ने कहा, 'ओमिक्रॉन वैरिएंट' (omicron variant) की वजह से अमेरिका में कोरोना के केसेज एक सीधी गति में आगे बढ़ रहे हैं. हालांकि, इसका पीक अब केवल कुछ सप्ताह दूर हो सकता है. हम निश्चित रूप से बहुत गंभीर उछाल और मामलों में तेजी के बीचोबीच वाली स्थिति में हैं. इस सप्ताह बढ़ा संक्रमण दर वास्तव में हैरान करने वाला है.' पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन व्यापक रूप से फैल चुका है.

दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण- फाउची का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका से ये अनुभव लिया जा सकता है, जहां नवंबर के महीने में सबसे पहले ओमिक्रॉन पाया गया था. यहां इस वैरिएंट का पीक जितनी तेजी से आया उतनी ही तेजी से कम भी हो गया. उन्होंने कहा कि अब तक के मिले डेटा बताते हैं कि पिछले वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन हल्का है. कोरोना के पिछली लहर की तुलना में इस बार मौतों और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या भी पिछले कुछ हफ्तों में बहुत कम रही है.

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बच्चों पर ध्यान देना जरूरी- अमेरिका में लंबी छुट्टियों के बाद स्कूल फिर से खुलने लगे हैं. ऐसे में फाउची ने बच्चों को व्यक्तिगत रूप से निर्देश देने के सलाह दी है. उन्होंने पैरेन्ट्स से अनुरोध किया है कि वो बच्चों का वैक्सीनेशन कराने के बाद ही उन्हें स्कूल भेजें. मास्क जरूर लगवाएं और जरूरत पड़ने पर उनका टेस्ट भी कराएं. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि ये सारी चीजें एक साथ की जानी चाहिए. तभी बच्चें स्कूल में पर्याप्त रूप से सुरक्षित रहेंगे.' वहीं अमेरिकी शिक्षा सचिव मिगुएल कार्डोना का कहना है कि बच्चों के लिए स्कूल वापस जाना चुनौती भरा काम है लेकिन ये जरूरी भी है.

भारत में क्या है स्थिति- देश में ओमिक्रॉन के केस 1525 पार हो गए हैं.  वहीं आज से 15-18 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है. राज्यों ने भी कोरोना से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. अस्पतालों में सुरक्षा के पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं. ज्यादातर स्कूलों में विंटर वेकेशन को बढ़ा दिया गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बार-बार वैक्सीन की दोनों डोज लेने, ठीक तरीके से मास्क लगाने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दे रहे हैं.

 

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