भारत समेत पूरी दुनिया में एचआईवी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हम सभी को पता है कि एड्स एक लाइलाज बीमारी है. ये बात बिलकुल सच है कि चार दशक गुजर जाने के बाद भी इस बीमारी का पुख्ता इलाज नहीं मिल सका है लेकिन दुनिया भर में इससे जुड़े कई ऐसे मिथक मौजूद हैं जिनकी सच्चाई लोगों को नहीं पता है. आज आज विश्व एड्स दिवस पर आपको ऐसे ही सात मिथकों और उनकी सच्चाई के बारे में बताएंगे जो हमारे समाज में फैले हुए हैं.
एक दिसंबर को भारत समेत दुनिया भर में वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में एड्स को लेकर जागरूकता फैलाना है. एड्स HIV यानी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस से होता है. ये वायरस इम्युन सिस्टम को कमजोर कर देता है जिससे शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति खत्म हो जाती है. नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) ने बताया है कि पिछले 10 साल में भारत में 17 लाख से ज्यादा लोग असुरक्षित यौन संबंधों के कारण HIV की चपेट में आए हैं.
मिथक नंबर 1: एचआईवी और एड्स दोनों एक ही बीमारी हैं
एचआईवी और एड्स दोनों को एक दूसरे से जोड़ा जा सकता है लेकिन ये दोनों काफी अलग हैं. अगर डॉक्टर किसी को एचआईवी पॉजिटिव बताते हैं तो इसका मतलब है कि उसके शरीर में एचआईवी का संक्रमण फैल गया है. जबकि एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी संक्रमण का उन्नत चरण है. एचआईवी वायरस का सीधा हमला शरीर के इम्युनिटी सिस्टम पर होता है जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है.
यह बात हमेशा ध्यान रखें कि यह जरूरी नहीं है कि एचआईवी से संक्रमित सभी मरीजों को एड्स की समस्या हो. अगर मरीज ठीक ढंग से अपना इलाज कराए और परहेज करें तो एचआईवी को बढ़ने से रोका जा सकता है जिससे एड्स होने की सम्भावना काफी कम हो जाती है.
मिथक नंबर 2: एचआईवी और एड्स सिर्फ सेक्स के कारण फैलता है
दुनिया भर में ज्यादातर लोगों का मानना है कि एचआईवी या एड्स सेक्स से फैलता है जबकि ऐसा नहीं है. एचआईवी विभिन्न कई तरीकों से भी फैल सकता है. किसी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर स्वस्थ व्यक्ति में एचआईवी वायरस का फैलना इस बीमारी की बड़ी वजह है. लेकिन ये संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन या अन्य इन्जेक्टिंग उपकरणों के इस्तेमाल से भी फैलता है. इसके अलावा स्तनपान के दौरान मां के दूध से बच्चे भी फैल सकता है.
मिथक नंबर 3: किस (चुंबन) से फैलता है एचआईवी
किस करने से भी एचआईवी वायरस फैल सकता है हालांकि इसकी संभावना बहुत ही कम होती है. ये तभी होता है जब किसी एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के मसूड़ों से खून निकल रहा हो और ये दूसरे व्यक्ति के मुंह में चला जाए. इस स्थिति में इस बीमारी के फैलने की आशंका होती है.
मिथक नंबर 4 : एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैल सकता है एड्स
ये बीमारी छूने या एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के आसपास रहने से नहीं फैलती. यही बात पानी और हवा पर लागू होती है क्योंकि ये वायरस पानी और हवा से भी नहीं फैलता. ये केवल पीड़ित व्यक्ति के खून, वीर्य, योनि से निकलने वाले द्रव्य या
एचआईवी संक्रमित मां के दूध के संपर्क में आने पर ही फैलता है. ये पीड़ित व्यक्ति के साथ खाने, उसके साथ रहने, उसके कपड़े पहनने या एक ही टॉयलेट का इस्तेमाल करने से नहीं फैलता है.
मिथक नंबर 5. मच्छरों के काटने से भी एचआईवी हो सकता है.
मच्छरों के काटने से एचआईवी फैलने की बात में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है. वास्तव में ये सिर्फ अफवाह मात्र है. ये बीमारी पीड़ित व्यक्ति के खून के सम्पर्क में आने से फैल सकती है लेकिन मच्छरों के माध्यम से इसके फैलने की अब तक एक भी रिपोर्ट नहीं आई है.
मिथक नंबर 6: एड्स होने का मतलब है मौत
ये इस बीमारी से जुड़ा सबसे सामान्य और बड़ा मिथक है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनिया में 2021 तक 3.84 करोड़ लोग HIV के साथ रह रहे हैं. ये बीमारी अभी भी हर साल लाखों लोगों को संक्रमित कर रही है. अगर किसी व्यक्ति के शरीर में HIV वायरस पहुंच गया तो इसका मतलब ये नहीं कि वो मरने वाला है. बल्कि सही इलाज मिलने पर वो खुशहाल जिंदगी जी सकता है. पहले वक्त पर बीमारी का पता ना चल पाने और सही इलाज ना मिलने से ये जानलेवा मानी जाती थी. लेकिन आज संक्रमित व्यक्ति भी बाकी लोगों की तरह सामान्य जीवन जी सकता है.
मिथक नंबर 7: ओरल सेक्स सुरक्षित है
सेक्स की तुलना में ओरल सेक्स काफी सुरक्षित होता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ओरल सेक्स से एचआईवी नहीं फैल सकता. ओरल सेक्स के दौरान अगर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के जननांगो में कोई घाव है या वहां से खून निकल रहा है या पार्टनर के मसूड़ों से खून निकल रहा है तो यह खून सीधे वीर्य के संपर्क में आ सकता है और इन परिस्थितियों में एचआईवी वायरस फैल सकता है.
संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स नहीं करें
असुरक्षित यौन संबंध बनाने से एचआईवी फैल सकता है लेकिन अगर आप कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो इससे बचा जा सकता है. कंडोम एचआईवी और बाकी STD (सैक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीस) को रोकने में प्रभावी होते हैं.