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H3N2 वायरस का कहर, वडोदरा की महिला ने अस्पताल में दम तोड़ा

देश में कोरोना के बाद अब H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) का कहर नजर आ रहा है. देश में अब तक इससे संक्रमित 7 लोगों की मौत हो चुकी है. सातवीं मौत गुजरात के वडोदरा में हुई है. यहां एक 58 साल की महिला ने H3N2 वायरस से संक्रमित होने के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया. हालांकि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक इससे 3 लोगों की ही मौत हुई है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) ने कहर ढाना शुरू कर दिया है. इस वायरस से संक्रमित एक महिला ने गुजरात के वडोदरा में दम तोड़ दिया है. महिला की उम्र 58 साल थी और वह वडोदरा के SSG अस्पताल में भर्ती थीं. महिला की मौत के बाद अब देशभर में H3N2 वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या 7 हो गई है. गुजरात से पहले कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 3 लोगों की मौत ही इस संक्रमण से हुई है.

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हालांकि, सूत्रों का कहना है कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि H3N2 से मौत की वजह का पता लगाने के लिए और जांच की जरूरत है. इससे पहले कर्नाटक के हासन में एक व्यक्ति की H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई थी. मृतक मरीज की पहचान एच गौड़ा के तौर पर हुई थी. वे 82 साल के थे. उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 1 मार्च को उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद उनके सैंपल टेस्टिंग के लिए भेजे गए थे. 6 मार्च को आईए रिपोर्ट में H3N2 की पुष्टि हुई थी.

बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा

H3N2 इन्फ्लूएंजा के प्रकोप ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है. इन्फ्लूएंजा के मामले ऐसे वक्त पर सामने आ रहे हैं, जब 3 साल बाद देश कोरोना महामारी से उबर था. बच्चे और बुजुर्ग तेजी से वायरल की चपेट में आ रहे हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक इन्फ्लुएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं. जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना.

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H3N2 और COVID-19 में अंतर

एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर पीयूष रंजन कहते हैं कि कोविड निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन पथ को प्रभावित करता है. जबकि H3N2 ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है. जैसे बुखार, खांसी, सर्दी, गले, नाक और आंखों में जलन का लंबे समय तक बने रहना. दरअसल, दोनों के लक्षण समान हैं और यह तेजी से फैल रहा है. वहीं, कुछ निजी अस्पताल H3N2 के लिए टेस्ट कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये जांच अनावश्यक और महंगी है. क्योंकि इसके टेस्ट सरकारी अस्पतालों में नहीं किए जा रहे हैं. जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल H3N2 की जांच के लिए 6000 रुपये तक चार्ज कर रहे हैं.

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