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एक च्यूइंग गम में सैकड़ों माइक्रोप्लास्टिक! रोजाना चबाते हैं तो हो जाएं सतर्क

च्यूइंग गम बहुत से लोगों को पसंद है और कई तो नियमित रूप से च्यूइंग गम चबाते रहते हैं. लेकिन इसे लेकर एक नई स्टडी परेशान करने वाली है. शोध में कहा गया है कि एक च्यूइंग गम में सैकड़ों माइक्रोप्लास्टिक होते हैं.

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एक च्यूइंग गम में सैकड़ों माइक्रोप्लास्टिक्स हो सकते हैं (Photo- Freepik)
एक च्यूइंग गम में सैकड़ों माइक्रोप्लास्टिक्स हो सकते हैं (Photo- Freepik)

बहुत से लोगों को च्युइंग गम काफी पसंद आता है लेकिन एक नए शोध में च्युइंग गम को लेकर जो जानकारी सामने आई है, वो परेशान करने वाली है. शोध में यह बात सामने आई है कि च्यूइंग गम से सैकड़ों माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े सीधे लोगों के मुंह में जाते हैं. रबर से बने च्यूइंग गम को लेकर यह स्टडी एक ऐसे वक्त में आई है जब शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में पहाड़ों की चोटियों से लेकर समुद्र की तलहटी तक- और यहां तक कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसमें भी माइक्रोप्लास्टिक यानी प्लास्टिक के अत्यंत छोटे टुकड़े खोजे हैं.

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मानव शरीर में भी माइक्रोप्लास्टिक पाए गए हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे फेफड़े, खून और दिमाग में भी माइक्रोप्लास्टिक शामिल हैं. इसके बाद स्वास्थ्य पर प्लास्टिक के प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. च्यूइंग गम को लेकर किए गए शोध के प्रमुख शोधकर्ता संजय मोहंती ने समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए कहा, 'मैं लोगों को डराना नहीं चाहता.'

लॉस एंजिल्स के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के संजय मोहंती ने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो सीधे तौर पर दिखाए कि माइक्रोप्लास्टिक इंसानों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.

एक च्यूइंग गम में कितने माइक्रोप्लास्टिक्स?

च्यूइंग गम पर शोघ एक पायलट स्टडी थी जिसमें यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की पीएचडी छात्रा लिसा लोव ने 10 अलग-अलग ब्रांड के सात-सात च्यूइंग गम चबाये. फिर शोधकर्ताओं ने उनकी सलाइवा यानी लार पर रासायनिक विश्लेषण किया.

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उन्होंने पाया कि एक ग्राम च्यूइंग गम (0.04 औंस) से औसतन 100 माइक्रोप्लास्टिक टुकड़े निकलते हैं, हालांकि कुछ से 600 से अधिक निकलते हैं. एक च्यूइंग गम का औसत वजन लगभग 1.5 ग्राम होता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि जो लोग साल में लगभग 180 च्यूइंग गम चबाते हैं, वे लगभग 30,000 माइक्रोप्लास्टिक्स निगल सकते हैं. 

मोहंती ने हालांकि, यह भी कहा कि इंसान अन्य तरीकों से च्यूइंग की तुलना में कहीं ज्यादा माइक्रोप्लास्टिक्स निगलता है. उदाहरण के लिए, शोधकर्ताओं ने पिछले साल अनुमान लगाया था कि एक लीटर वाली प्लास्टिक की बोतल में औसतन 240,000 माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं. 

शोधकर्ताओं ने कहा कि सुपरमार्केट में बिकने वाली सबसे आम च्युइंग गम को सिंथेटिक गम कहा जाता है. च्यूइंग गम को चबाने लायक बनाने के लिए उसमें पेट्रोलियम आधारित पॉलिमर होते हैं. हालांकि पैकेट पर लिखे सामग्री में प्लास्टिक मिले होने की जानकारी नहीं दी जाती है, केवल "गम-आधारित" शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. 

शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक च्यूइंग गम के पांच ब्रांड और प्राकृतिक च्यूइंग गम (पेड़ के रस के इस्तेमाल से बनाए गए च्यूइंग गम) के पांच ब्रांड का परीक्षण किया. लोव, जिनपर यह शोध हुआ, उन्होंने बताया, 'हमने पाया कि दोनों में माइक्रोप्लास्टिक प्रचुर मात्रा में थे और यह हैरान करने वाला था.'

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