अवसाद यानी डिप्रशेन आज के समय में एक प्रमुख मेंटल हेल्थ प्रोब्लम है. अकेलापन, दूसरों से ज्यादा अपेक्षाएं रखना और अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में तालमेल ना बिठा पाना इन सबकी वजह से लोगों में डिप्रेशन की बीमारी आम हो गई है.
इंसान के सोचने और कार्य करने की क्षमता पर डिप्रेशन का बुरा प्रभाव डालता है. अवसाद से पीड़ित व्यक्ति अक्सर उदास रहता है और किसी भी काम में उसका मन नहीं लगता. क्रोनिक डिप्रेशन एक गंभीर मेंटल हेल्थ प्रोब्लम है, जिसका उपचार ना होने पर व्यक्ति आत्महत्या भी कर सकता है.
क्रोनिक डिप्रेशन के लक्षण
1. अगर व्यक्ति उदास होता है और किसी भी काम में उसका मन नहीं लगता तो यह क्रोनिक डिप्रेशन के लक्षण हैं.
2. भूख ना लगना या जरूरत से ज्यादा भूख लगना भी क्रोनिक डिप्रेशन के अंतर्गत आता है. इसके अलावा वजन का कम होना या बढ़ना भी क्रोनिक डिप्रेशन के लक्षण में शामिल है.
3. कम नींद आना या फिर जरूरत से ज्यादा सोना भी क्रोनिक डिप्रेशन का लक्षण है.
4. शरीर में हमेशा थकान महसूस होना, स्थिर बैठने में असमर्थता, बहुत अधिक चलना, बहुत अधिक हाथ मिलाना या धीमी गति से बोलना. ये सभी लक्षण क्रोनिक डिप्रेशन के दौरान देखने को मिलते हैं.
5. खुद को महत्वहीन मानना और निर्णय लेने में कठिनाई महसूस होना भी क्रोनिक डिप्रेशन के लक्षण हैं.
6. क्रोनिक डिप्रेशन का सबसे खतरनाक लक्षण है व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार आना और इसका प्रयास करना.
ऐसे करें बचाव
1. नकारात्मक विचारों को चुनौती दें- अपने नेगेटिव विचारों पर सवाल उठाएं और उन्हें चुनौती दें क्योंकि नकारात्मक सोच व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को ज्यादा नुकसान पहुंचाती है.
2. करीबियों के साथ वक्त बिताएं- अकेलापन क्रोनिक डिप्रेशन का बड़ा कारण है इसलिए जितना हो सके, उतना अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं.
3. माइंडफुल अभ्यास करें- रोजाना योगा और मेडिटेशन करें. इससे आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा.
4. थेरेपी- थेरेपी आपको डिप्रेशन के कुछ मानसिक और भावनात्मक कारणों का पता लगाने और उनसे निपटने के में काफी मदद कर सकती है.