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नौजवानों में तेजी से बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले, इन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा

कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक के मामले लगभग दोगुने हो चुके हैं. जो लोग स्मोकिंग करते हैं और डायबिटीज के साथ ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा पाया जाता है. चिंता की बात तो यह है कि भारत में हृदय संबंधित बीमारियों के मामले ग्लोबल एवरेज से काफी ज्यादा हैं.

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सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Getty Image)
सांकेतिक तस्वीर (फोटो- Getty Image)

भारत में हार्ट अटैक से मरने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हाल ही के कुछ महीनों में बहुत से बॉलीवुड एक्टर-एक्ट्रेसेस की मौत हार्ट अटैक से हुई है. बूढ़े लोगों की  तुलना में अब नौजवानों में भी हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं जहां जिम में एक्सरसाइज करते हुए, सड़क पर चलते हुए और किसी शादी में डांस करते समय लोगों को अचानक से कार्डियक अरेक्ट आता है और मौके पर ही उनकी मौत हो जाती है. इस तरह के मामले सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सामने आ रहे हैं. बीते कुछ हफ्तों में कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के ये मामले लगातार बढ़ रहे हैं. 

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मैक्स अस्पताल के प्रिंसिपल डाइरेक्टर डॉ. विवेक कुमार ने इंडिया टुडे से बात करते हुए बताया कि कोविड 19 महामारी के दौरान जो लोग भी कोरोना वायरस के संक्रमित हुए थे, उनमें हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा पाया जा रहा है. मरीजों में यह खतरा सिर्फ कोरोना महामारी के दौरान ही नहीं पाया गया था बल्कि उसके एक साल बाद भी पाया गया. पोस्ट-कोविड टीकाकरण के शुरुआती चरण में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़ते हुए नजर आए.

डॉ. कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक के मामले लगभग दोगुने हो चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नौजवान मरीज जो अनियंत्रित डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं और स्मोकिंग करते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा होता है. अस्पताल में आ रहे हार्ट अटैक के मामलों को देखते हुए डॉ. कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी से पहले एक महीने में हार्ट अटैक के 15 से 18 मामले सामने आते थे जो अब बढ़कर 30 से 35 हो गए हैं. 

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किन लोगों को है सबसे ज्यादा खतरा?

डॉ. कुमार ने बताया कि जिन लोगों में अभी भी कोरोना का वायरस मौजूद है, ऐसे लोगों में हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा है. इसके अलावा जो लोग स्मोकिंग करते हैं और अनियंत्रित डायबिटीज के साथ हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं, उनमें भी हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा होता है.

इमरजेंसी मेडिकल जर्नल की एडिटर एलेन वेबर ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान बताया कि, कोरोना महामारी के बाद लोगों में हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है. 

एलेन ने बताया कि हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा उन मरीजों में सबसे ज्यादा पाया गया है जो किसी बीमारी के कारण अस्पताल में एडमिट है, इसमें भी खासतौर पर वो मरीज जो आईसीयू (ICU) में हैं.

सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि भारत में पहले से ही हृदय संबंधित बीमारियों के मामले ग्लोबल एवरेज से काफी ज्यादा हैं.


कैसे कम करें हार्ट अटैक का खतरा?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिन लोगों ने वैक्सीनेशन की सभी डोज ली हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा काफी कम होता है और साथ ही जो लोग किसी बीमारी के चलते खून को पतला करने वाली दवाइयों का सेवन कर रहे हैं, उनमें भी हार्ट अटैक का खतरा कम होता है. इसके अलावा, हार्ट अटैक का खतरा उन लोगों को सबसे ज्यादा है जिन्हें गंभीर कोविड था. ऐसे में कोरोना के गंभीर रूप से बचने के लिए वैक्सीनेशन को काफी जरूरी माना जा रहा है. 

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