घर में एक नन्हे मेहमान के आने की खुशी, उत्साह, और ज़िम्मेदारियां एक अलग एहसास होती हैं. एक नए माता-पिता के तौर पर इन नई ज़िम्मेदारियों को निभाना थोड़ा चुनौती भरा तो होता ही है. इस दौरान यह भी सुनिश्चित करना पड़ता है कि आपका बच्चा स्वस्थ रहे. ऐसे में यह ज़रूरी है कि आपके पास एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस हो जिसमें आपका नवजात बच्चा भी कवर हो सके, ताकि आपको हॉस्पिटलाइज़ेशन और बच्चे के जन्म से जुड़े अन्य खर्चों की चिंता न रहे.
चिकित्सा क्षेत्र में लगातार बढ़ती महंगाई ने अब यह ज़रूरी बना दिया है कि आप हॉस्पिटलाइज़ेशन और दवाओं के खर्च के लिए पहले से ही तैयार रहें. ऐसे में अस्पताल और दवाओं के खर्च से चिंता मुक्त होने का सबसे बेहतरीन विकल्प नवजात बच्चे को कवर देने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है. बाज़ार में ऐसी कई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हैं जो नवजात बच्चों को कवरेज देती हैं. आमतौर पर आपका हेल्थ इंश्योरेंस तब तक नवजात बच्चे को कवर नहीं करता, जब तक कि आप उसे फ़ैमिली हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में तब्दील न करवा लें. इसके लिए आपको या तो अपने जीवनसाथी या नवजात बच्चे का नाम उस पॉलिसी में जोड़ना होता है.
ज़्यादातर फ़ैमिली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस प्लान नवजात बच्चों को कवर करते हैं. लेकिन इनमें नवजात बच्चों या परिवार के किसी सदस्य के नाम को जोड़ने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को पहले जानकारी देनी पड़ती है. कुछ इंश्योरेंस पॉलिसी आपको यह सुविधा देती है कि आप पॉलिसी के बीच में ही परिवार के सदस्य का नाम जोड़ पाएं. यह एक बेहतरीन सुविधा है जिससे पॉलिसी के मौजूदा साल के बीच में ही परिवार के सदस्य या नवजात बच्चे का नाम जोड़ा जा सकता है. अगर किसी पॉलिसी में ऐसी सुविधा नहीं है, तो आपको परिवार के सदस्य का नाम जोड़ने के लिए, पॉलिसी के रिन्युअल का इंतज़ार करना होगा.
कुछ ऐसी पॉलिसी पहले दिन से ही नवजात बच्चों को कवरेज देती हैं, वहीं कुछ दूसरी पॉलिसी नवजात बच्चों को जन्म के 16वें दिन या 91वें दिन से कवरेज देती हैं. इस तरह की पॉलिसी में इंश्योरेंस कंपनी कई तरह के नियम और शर्त रखती हैं. ऐसे मामलों में कहा जा सकता है कि कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नवजात बच्चों को तब ही कवर करती हैं, जब माँ पॉलिसी में लगातार 12 महीने कवर रही हों. ऐसे में पॉलिसी खरीदते समय पॉलिसी दस्तावेज़ पढ़ना और पॉलिसी के तहत मिलने वाले फ़ायदों को समझना और भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है. कुछ पॉलिसी में डिफॉल्ट तौर पर नवजात बच्चों को कवर किया जाता है, वहीं कुछ पॉलिसी में इसे अतिरिक्त कवर के तौर पर उपलब्ध करवाया जाता है. पूरे इंश्योरेंस सेक्टर में, ऐड-ऑन और अतिरिक्त कवर के लिए उपभोक्ता को ज़्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ता है. आम तौर पर, नवजात बच्चों को मिलने वाले कवरेज में अस्पताल खर्च पॉलिसी दस्तावेज़ में बताई गई सीमा तक कवर किए जाते हैं. अस्पताल के खर्च में मेडिकल सर्जिकल इलाज, प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद की सर्जरी का खर्च शामिल होता है. नवजात बच्चे को मिलने वाले कवरेज में एक खास अवधि तक टीकाकरण का खर्च भी शामिल होता है. टीकाकरण के खर्च की सीमा के बारे में जानकारी पाने के लिए दस्तावेज़ देखें. इसके अलावा, अलग-अलग इलाज की सीमाएं चुनी गई पॉलिसी और इंश्योरेंस कंपनी के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं. पॉलिसी कवरेज में मेटाबॉलिक स्क्रीनिंग भी शामिल होती है. यहाँ बताई गई सभी सुविधाएं पॉलिसी के नियम और शर्तों पर निर्भर करते हैं.
कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में नवजात बच्चे के लिए बाल रोग विशेषज्ञों की सलाह का खर्च भी कवर होता है. जिसके खर्च की सीमा आपके पॉलिसी दस्तावेज़ में बताई जाती है. ज़्यादातर मेटर्निटी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी जन्म के शुरुआती दिनों में नवजात बच्चे के खर्च का कवरेज भी देती हैं.
हमारा सुझाव है कि पॉलिसी के फायदे अच्छी तरह से समझने के लिए आपको पॉलिसी दस्तावेज़ को पढ़ना चाहिए. कुछ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी में नवजात बच्चे या परिवार के सदस्य के नाम को जोड़ने पर अतिरिक्त प्रीमियम लेती हैं. साथ ही, पॉलिसी में वेटिंग पीरियड (waiting period) के बारे में भी सही जानकारी ले लें, क्योंकि नए सदस्य को वेटिंग पीरियड के बाद ही कवरेज मिलता है.
नवजात बच्चों को ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत होती है, खासतौर पर जन्म के शुरुआती दिनों में, और उनकी सेहत का पहले दिन से ही ख्याल रखना बेहद ज़रूरी होता है. अगर आप भी अपने परिवार में एक नन्हे मेहमान के लिए तैयार कर रहे हैं, तो ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को चुनें जो ज़्यादा कवरेज दे.
मेडिकल के सभी खर्च की चिंता अब अपने हेल्थ इंश्योरेंस पर छोड़ दें, जो आपकी ज़रूरत के हिसाब से आपका साथ देता है.