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देश के 90 करोड़ डिजिटल नागरिकों के लिए अब संभव हुई सुरक्षित, जिम्मेदार गेमिंग

Impact Feature

गेमिंग प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं के लिए पारदर्शिता से जुड़े नियमों के आदेश दिए गए हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि खिलाड़ियों को सुरक्षा उपायों और उनके अधिकारों के बारे में पता है।

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • नियम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि ऑनलाइन गेमर्स के पास निष्पक्ष और समान खेल का अधिकार हो।
  • नियम उपयोगकर्ताओं के लिए एक मजबूत और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रक्रिया को भी अनिवार्य करते हैं।
  • 2023 में देश में अनुमानित 45 करोड़ ऑनलाइन गेमर्स होंगे।

•    इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग संबंधी नियमों को नोटिफाई किया
चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग बाजार है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में देश में अनुमानित 45 करोड़ ऑनलाइन गेमर्स होंगे। हालांकि ऑनलाइन गेमिंग को लेकर बढ़ती मांग ने कुछ चिंताएं भी हमारे सामने रखी हैं। इस उद्योग के लिए हाल तक कोई नियम-कायदे नहीं थे। ऐसे में उद्योग ने ऐसे ऑफशोर प्लेटफार्मों को भी देखा है, जिनका दायित्व सीमित रहा या जिन्होंने उपयोगकर्ताओं के लिए सीमित संसाधनों को उपलब्ध कराया। साथ ही, उपयोगकर्ताओं को इस दिशा में शिक्षित करने और उन्हें होने वाले वित्तीय नुकसान आदि को लेकर भी समय-समय पर चिंताएं उठती रही हैं। क्षेत्र को विनियमित करने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नियम इन चिंताओं को दूर करने के लिए कदम उठाते हैं और सुरक्षित और जिम्मेदार गेमिंग के एक नए युग की शुरुआत करते हैं।

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जिम्मेदार गेमिंग
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नियमों का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग उपयोगकर्ताओं के लिए लत और वित्तीय नुकसान के मुद्दों को दूर करना है और सुरक्षित और जिम्मेदार गेमिंग के लिए रूपरेखा और दिशानिर्देश निर्धारित करना है। उम्मीद है कि नए नियमों से उपयोगकर्ताओं को स्व-निर्धारित समय और खर्च की सीमा के आधार पर सेल्फ-एक्सक्लूशन, बार-बार चेतावनी संदेश, माता-पिता की निगरानी आदि जैसे नियंत्रणों के साथ सशक्त बनाया जा सकेगा।

पारदर्शिता
गेमिंग प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ताओं के लिए पारदर्शिता से जुड़े नियमों के आदेश दिए गए हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि खिलाड़ियों को सुरक्षा उपायों और उनके अधिकारों के बारे में पता है। नए नियामक ढांचे के अनुसार, सभी ओजीआई और व्यक्तिगत खेलों को स्व-नियामक निकायों (एसआरबी) से मंज़ूरी मिलना ज़रूरी है और इन गेम्स को अपनी वेबसाइट पर एक वैलिडिटी साइन भी दिखाना होगा। यह नए उपयोगकर्ताओं को आश्वस्त करेगा और उन्हें किसी विशेष मंच से जुड़ने या अलग होने का मार्गदर्शन देगा। उपयोगकर्ताओं में विश्वास बढ़ेगा कि एसआरओ से मंज़ूरी पाने वाले प्लैटफॉर्म के पास उनकी सुरक्षा के उपाय होंगे।

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निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना
नियम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि ऑनलाइन गेमर्स के पास निष्पक्ष और समान खेल का अधिकार हो। एक अच्छी तरह से परिभाषित केवाईसी मेंडेट यह सुनिश्चित करता है कि उपयोगकर्ता केवल प्लेटफॉर्म पर वैध खिलाड़ियों के साथ मुकाबला करें। इसके अलावा, पारदर्शिता और प्लेटफ़ॉर्म की पहचान को बढ़ावा देने के लिए एसआरबी द्वारा निर्धारित नीतियों के आधार पर प्लैटफॉर्म को अतिरिक्त उपायों को अपनाने की भी ज़रूरत हो सकती है। उदाहरण के लिए ऐसा माना जा रहा है कि एसआरबी गेमिंग प्लैटफॉर्म के लिए एक प्रतिष्ठित परीक्षण एजेंसी से ‘नो बॉट सर्टिफिकेशन’  ज़रूरी बना सकते हैं। इससे उपयोगकर्ताओं को साफ तौर पर पता चलेगा कि वे किसी एआई प्रशिक्षित बॉट के साथ नहीं खेल रहे हैं।

शिकायत निवारण प्रणाली
नियम उपयोगकर्ताओं के लिए एक मजबूत और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रक्रिया को भी अनिवार्य करते हैं। उपयोगकर्ता के लिए, एक शिकायत अधिकारी उपलब्ध होना चाहिए जो भारत का निवासी हो। नियमों के मुताबिक शिकायतों को एक यूनीक टिकट नंबर दिया जाएगा। एक एस्केलेशन मैट्रिक्स भी है, जहां उपयोगकर्ता अपनी शिकायत लेकर एसआरओ (स्व-नियामक संगठन) स्तर तक जा सकते हैं, और नई बनाई गई समिति के पास भी अपील कर सकते हैं। इस शिकायत तंत्र को उद्योग और अन्य हितधारकों के साथ डेवलप किया जाएगा, जिससे उपयोगकर्ता को विश्वास दिलाया जाएगा कि उनके पास अपनी शिकायत के निवारण के लिए कई रास्ते हैं।
कुल मिलाकर कहा जाए तो, ये सभी नियम गेमिंग इंडस्ट्री के लिए ऐसा माहौल तैयार करेंगे जहां उपयोगकर्ता खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे और गेमिंग कंपनियों को भी उनके हक की मान्यता मिल पाएगी। इस तरह देश में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री एक नए स्तर पर पहुंचेगी।

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अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए प्रदान की जाती है और कानूनी सलाह के रूप में इस पर भरोसा नहीं किया जाना
चाहिए | 

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