महाकुंभ की झलकियां | महाकुंभ पर विशेष

नागा बनने को मिल नहीं रहे बच्चे
श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन निर्वाण बीते हर कुंभ में तीन से चार दर्जन बाल नागा संन्यासियों को दीक्षा देता रहा है, लेकिन इस बार महाकुंभ में इस अखाड़े के परिसर में कोई बाल नागा संन्यासी नहीं है. इस बार अखाड़े को अभी तक एक भी बाल नागा दीक्षा के लिए नहीं मिला है. श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन ही एकमात्र अखाड़ा है, जो बाल नागा साधुओं को तैयार करता है. बाल नागा साधुओं की संख्या में तेजी से आई गिरावट से अखाड़े के जखीरा प्रबंधक महंत धर्मदास के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं.

अखिलेश यादव का गुणगान
सपा सरकार कुंभ मेले का उपयोग अपने युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का गुणगान करने के लिए बखूबी कर रही है. कुंभ नगरी में लगी सूचना विभाग की प्रदर्शनी में हर तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ही तस्वीर लगी है. साथ ही उनके बड़े-बड़े पोस्टर पूरे मेला स्थल में लगे हैं. यही नहीं, सूचना विभाग की एलईडी स्क्रीन पर भी अखिलेश यादव को सरकार की उपलब्धियों का बखान करते देखा जा सकता है.

बेटियों के हक में दाती महाराज
शनि ग्रह के बारे में व्याप्त भ्रांतियां दूर करने वाले दाती महाराज इन दिनों महाकुंभ में बेटी बचाओ अभियान में लगे हुए है. उनका कहना है कि जिस तरह समाज में लिंग अनुपात बिगड़ रहा है, उसे संतुलित करने के लिए जरूरी है कि बेटियों को बचाया जाए. इसके लिए वे जन जागरण कर रहे हैं. गंगा स्नान, पूजा, यज्ञ और हवन के साथ-साथ दाती महाराज का यह जागरण अभियान कुंभ मेला क्षेत्र में भक्तों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है. उनका शनि धाम ट्रस्ट भी बेटियों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चला रहा है.

कुंभ मेले में अमेरिकन साधु का आकर्षण
जूना अखाड़े के पंडाल में प्रवेश करते ही दाहिनी तरफ अमेरिकन नागा बाबा रामपुरी की कुटिया है, जो ढेरों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. कैलिफोर्निया के एक संपन्न परिवार में जन्मे बाबा रामपुरी की युवावस्था में सनातन धर्म में आस्था जगी और 1969 में वे परिवारवालों को बिना बताए घर छोड़कर भारत चले आए. 1971 में उन्होंने संन्यास लिया और 2010 में जूना अखाड़ा ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंडल का श्रीमहंत बनाया. बाबा रामपुरी आम नागा साधुओं की तरह दिगंबर नहीं हैं. वे सामान्य साधुओं की तरह गेरुआ वस्त्र धारण करते हैं.

मुलायम का शुभ समय!
महाकुंभ में आए राम नारायण ऋंगी ऋषि कुछ खास हैं. संगम स्नान के बाद ऋंगी ऋषि का दर्शन करना भी कोई कम रोचक नहीं है. वे फेस रीडर हैं. लोगों का माथा देखकर ही उनका भूत-भविष्य और उनके जीवन की समस्याओं के बारे में बता देते हैं. लोग अपने अतीत की सटीक घटनाओं को जानकर चमत्कृत हैं. ऋंगी ऋषि का दावा है कि इस वक्त तुला पर शनि उच्च का है. इसलिए यह वक्त मुलायम सिंह यादव के लिए अत्यंत शुभ है.

काली कमली वाले बाबा
काला लबादा और काली अचकन पहनने वाले पंचायती अखाड़ा के महंत डॉ. बिंदु महाराज 'बिंदु’ अपने पहनावे के कारण आकर्षण का केंद्र हैं. ग्रहों के मुताबिक उन्होंने अपनी दसों उंगलियों में सोने, चांदी और त्रिधातु में मढ़ी भारी अंगूठियां और गले में हाथी दांत, शेर के नाखून, मोतियों और रुद्राक्ष वाली आधा दर्जन मालाएं पहन रखी हैं. आयुर्वेद में डिग्री धारक डॉ. बिंदु हाथ में दो फुट का रत्नजड़ित कपालदंड लेकर चलते हैं.

कुंभ में हथियार और सीसीटीवी कैमरे
कुंभ में आए निरंजनी अखाड़े के दो दर्जन साधुओं के पास खुद के लाइसेंसधारी हथियार हैं, जिनमें रिवॉल्वर और पिस्टल से लेकर राइफल तक शामिल हैं. दरअसल धर्म के लिए शस्त्र उठाने वाले अखाड़ों के साधुओं को अब अपनी संपत्ति की सुरक्षा की चिंता भी सता रही है और इसके लिए उन्हें हथियार अपनाने से भी परहेज नहीं है. महाकुंभ में पहली बार अखाड़ों ने सुरक्षा के चौकस इंतजाम किए हैं. श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं.