जगह की कमी से जूझते मुंबई में रियल एस्टेट हमेशा बहुत महंगा रहा है. रियल एस्टेट को लेकर यहां का जुनून उस वक्त जाहिर हो गया, जब केंद्रीय जहाजरानी, सड़क परिवहन और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक तौर पर भारतीय नौसेना पर विकास को बाधित करने का आरोप लगा दिया.
दरअसल समुद्र में क्रूज लाइनर पर पर्यटन के लिए प्रस्तावित 320 कमरों वाले फ्लोटिंग लग्जरी होटल को जोड़ने के लिए मालाबार हिल के पास पुल बनाने का नौसेना ने विरोध किया था. उनकी यह नाराजगी 11 जनवरी को एक नए अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल की आधारशिला रखे जाने वाले समारोह में सामने आई.
गडकरी ने यहां तक कह दिया कि इसी वजह से वे दक्षिण मुंबई में नौसेना की आवासीय परियोजना के लिए 'एक इंच जमीन' भी नहीं देंगे. उन्होंने कहा, ''हर कोई दक्षिण मुंबई की अहम जमीन पर क्वार्टर और फ्लैट बनाना चाहता है. हम आपका सम्मान करते हैं, पर आपको पाकिस्तान की सीमा पर जाना चाहिए और गश्त लगानी चाहिए.''
इस टिप्पणी ने उनकी नादानी को ही उजागर किया. असल में भारतीय तटरक्षक समुद्री सीमा में गश्त लगाते हैं.
यही नहीं, दक्षिण मुंबई एक सैन्य शहर था, जो भारत की वित्तीय राजधानी बनने से पहले दो शताब्दी से ज्यादा वक्त तक ब्रिटिश सेना और नौसेना का निवास था. नौसेना का सबसे बड़ा पश्चिमी बेड़ा उस टर्मिनल की दीवार के ठीक ऊपर स्थित है, जिसका गडकरी ने उद्घाटन किया. नौसेना के जवान और उनके परिवार युद्धपोत से दूर नहीं रह सकते, सो उन्हें दक्षिण मुंबई में रखा गया है.
नौसेना के अफसर भी इस बयान से चकित हैं, क्योंकि पिछली मई में हाइकोर्ट की समिति ने उस प्रोजेक्ट को खारिज किया था. उसमें मुंबई हेरिटेज संरक्षण समिति, नगर निगम आयुक्त और पुलिस आयुक्त शामिल थे.
उन्होंने संयुक्त रूप से प्रस्ताव की जांच की, जिसे एक निजी डेवलपर और महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम ने मालाबार हिल से दो समुद्री मील दूर 132 मीटर लंबे लग्जरी लाइनर पर प्रस्तावित फ्लोटिंग होटल के लिए पेश किया था.
उसकी मंजूरी से मना करते हुए समिति ने वाहनों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का हवाला दिया था. 200 वर्ग मीटर का पुल, जो शहर को फ्लोटिंग होटल से जोड़ता, उसे मरीन ड्राइव के दक्षिणी सिरे पर बनाया जाना था. समिति के अनुसार यह देश के सबसे अच्छे समुद्री पर्यटन के दृश्य को भंग करता.
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नौसेना ने बस शहर की सुरक्षा पर उसके प्रभाव का पता लगाने के लिए ऑडिट का सुझाव दिया था. गडकरी के बयान से दो दिन पहले डेवलपर की अपील को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था. जाहिर है, उनके बयान की जमीन पोली है.