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रांची: सस्ता आशियाना

झारखंड की राजधानी में उफान पर है रियल एस्टेट का कारोबार. चौदह लाख रु. तक में मिल रहा है थ्री बीएचके फ्लैट

अपडेटेड 17 सितंबर , 2013
अमूमन सभी लोग अपनी हैसियत के मुताबिक अपना घर चाहते हैं. सबकी हसरत सस्ते और टिकाऊ मकान की होती है और ऐसे मकान ज्यादातर शहर के बाहरी इलाकों में ही मिल पाते हैं. रांची में शहरी इलाके के अंदर तीन बेड रूम के फ्लैट की कीमत 50 लाख रु. से कम नहीं है. लिहाजा निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के लिए और कोई चारा नहीं बचा है कि वे शहर से बाहर का रुख करें जहां अपेक्षाकृत कम दरों पर मकान मिल रहे हैं.

रांची की आबादी करीब 30 लाख है और तेजी से उभरते इस शहर में रोजगार के लिए देश के कोने-कोने से लोग आ रहे हैं और यहां बसने की तमन्ना रखते हैं. नई इमारतों की मांग की वजह से यहां रियल एस्टेट का कारोबार बढ़ रहा है. रांची में रियल एस्टेट का कारोबार 1,500 करोड़ रु. से अधिक है. यह स्थिति इन तथ्यों के बावजूद है कि आर्थिक मंदी, निर्माण और जमीन से जुड़े कड़े अधिनियम ने इस धंधे पर असर डाला है.

वैसे रांची में रियल एस्टेट के बड़े खिलाड़ी मध्यम और निम्न आयवर्गीय लोगों को अपना टॉरगेट कस्टमर नहीं मानते लेकिन अब छोटे स्तर की निर्माण कंपनियां इन लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए नए प्रोजेक्ट्स के साथ आ रही हैं. यशस्वनी कंस्ट्रक्शन कंपनी के अभिषेक कहते हैं, ''अगर आप बिजनेसमैन या फिर मोटी पगार पाने वाले अफसरशाह नहीं हैं तो रांची के लालपुर, मोराबादी, हिनू, हरमू, अशोकनगर, कांके जैसे मुख्य इलाकों में फ्लैट लेना आपके बूते से बाहर की बात हो सकती है. यहां आपको 4,000 रु. से लेकर 5,000 रु. प्रति वर्ग फुट के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे. अगर आपकी हैसियत ऐसी नहीं है तो आपको शहर से बाहर का रुख करना चाहिए. आपकी जेब के हिसाब से वही माकूल जगह है.”

यशस्वनी रांची के बाहरी इलाके कटहल मोड़  पर 100 ब्लॉक वाले एक से लेकर तीन बीएचके फ्लैट और डुप्लेक्स बना रही है जिसका नाम है क्रिस्टल पार्क. इसमें दो टू-थ्री बीएचके वाले ब्लॉक और डुप्लेक्स हैं. थ्री बीएचके फ्लैट की कीमत 14 लाख रु. है जबकि वन बीएचके की कीमत पांच लाख रु. है. हां, डुप्लेक्स के लिए आपको 1,700 प्रति वर्ग फुट के हिसाब से कीमत चुकानी होगी जो रांची के लिहाज से बुरी भी नहीं है. यह कंपनी बरियातू के बरगाई इलाके में स्थित है, यह जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर है.

श्रीराम कंस्ट्रक्शन एक और कंपनी है जो लो कॉस्ट बजट वाले मकान बेच रही है. बीते साल इस कंपनी ने रांची के मुख्य इलाके करमटोली में सीताकुंज नाम का एक प्रोजेक्ट पूरा  किया जो हाथोहाथ बिक गया. वजह थी फ्लैट की कम कीमत. टू बीएचके फ्लैट की कीमत 11 लाख रु. और थ्री बीएचके की कीमत 16 लाख रु. मध्यमवर्ग के लिए कोई घाटे का सौदा नहीं दिखता. कंपनी के मालिक संजय कुमार कहते हैं. ''सस्ते फ्लैट की जबरदस्त मांग है लेकिन बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी निम्न और मध्यम वर्ग को टॉरगेट ग्रुप मानती ही नहीं जबकि यह संभावित ग्राहक वर्ग है. ऐसा इसलिए कि बड़ी कंपनी अधिक मुनाफा चाहती हैं. उन्हें यह विश्वास नहीं होता है कि बैंक इन्हें गारंटी देंगे या नहीं.” लिहाजा, बहुत कम कंपनियां इस वर्ग के लिए मकान बना रही हैं.

बीते साल की तुलना में जमीन की कीमत में 400 से 500 प्रति वर्ग फीट इजाफा हुआ है. ''इस बीच राज्य सरकार के बालू के खनन और क्रशर उद्योग पर कड़ाई करने की वजह से कॉस्ट में बढ़ोतरी हुई है लेकिन हम इन सब के वावजूद लो कॉस्ट मकान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह वर्ग हमारा टारगेट ग्रुप है.”

कई कंपनियां क्रिएटिविटी भी दिखा रही हैं. टेक्नो कल्चर बिल्डिंग नाम की कंपनी टाटा नैनो कार की तर्ज पर वास्तु नैनो नाम से हाउसिंग प्रोजेक्ट रांची में ला रही है. यह प्रोजेक्ट नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर आधारित है. हालांकि फ्लैट्स की जबरदस्त जरूरत है. झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के सज्जन सर्राफ कहते हैं, ''जिस तरह लोग रोजगार के लिए रांची में आ रहे हैं उस हिसाब से मकान की जरूरत को भी पूरा करना होगा.”

बीते साल छोटे बिल्डरों ने सरकार के पास यह प्रस्ताव रखा था कि वह उन्हें रांची के स्लम इलाके में सस्ते दर पर मकान बनाने की इजाजत दे. ऐसे फ्लैट या फिर मकान महज तीन लाख रु. में उपलब्ध हो सकते थे वह भी किस्तों में. लिहाजा सीमित आय वर्ग के अरमानों को पंख जरूर लग गए हैं.
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