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खास रपटः खेल-खेल में बन गया बाजार

भारत बनने लगा गेमिंग का विशाल बाजार, क्या टास्क फोर्स बनाकर शह देने की केंद्र की कोशिशों से ज्यादा विश्वस्तरीय डेवलपर और युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी?

खेल का मजा नई दिल्ली के द्वारका में एक गेमिंग पार्लर में एक गेमर
खेल का मजा नई दिल्ली के द्वारका में एक गेमिंग पार्लर में एक गेमर
अपडेटेड 22 फ़रवरी , 2022

हैदराबाद में कॉमर्स की छात्रा 19 वर्षीया एस. श्रीविद्या महामारी के दौरान गेमिंग की दीवानी हो गई. आखिर दोस्तों के साथ मेलजोल और गपशप जो बंद-सा हो गया था. वैलोरेंट उसका पसंदीदा गेम था. इस फर्स्ट पर्सन रणनीतिक शूटर गेम को अमेरिका के रायट गेम्स ने विकसित किया और भारत में यह 2020 में मुहैया किया गया.

यह पर्सनल कंप्यूटर पर ही खेला जा सकता था, इसलिए उसने गेमिंग कीबोर्ड वाला महंगा लैपटॉप लिया. वैलोरेंट पांच की टीमें खेलती हैं, लिहाजा, वह अपने चार दोस्तों को बुलाती है और वे मिलकर दूसरी टीम से मुकाबला करते हैं. गेम के शानदार ग्राफिक और जोरदार पात्रों पर वह लट्टू है. ऊब मिटाने या खाली वक्त काटने के लिए गेमिंग में जुटने वाली श्रीविद्या कहती है, ''लड़की जेट का किरदार मुझे अच्छा लगता है, जो हवा, बादल और चाकुओं से दुश्मनों का मुकाबला करती है.’’

श्रीविद्या देश में गेमरों की बढ़ती जमात का हिस्सा है, जो 2018 में 25 करोड़ से बढ़कर आज 44 करोड़ हो गई है, और भारतीय गेमिंग उद्योग को बढ़ावा दे रही है. यह करीब 2.4 अरब डॉलर (18,090 करोड़ रुपए) का हो गया है. कंसल्टिंग फर्म एक्सेंचर के मुताबिक, दुनिया भर में गेमिंग/ईस्पोट्र्स 300 अरब डॉलर (22.5 लाख करोड़ रुपए) का कारोबार है.

खास रपटः खेल-खेल में बन गया बाजार
खास रपटः खेल-खेल में बन गया बाजार

ईस्पोट्र्स का बढ़ता आकर्षण इसे 2022 के एशियाई खेलों में शामिल करने से भी जाहिर है. यह 10 से 25 सितंबर तक चीन के हांगझोउ में खेले जाने वाले 37 खेलों में होगा. भारत में यह उद्योग शुरुआती अवस्था में है, लेकिन इसमें वृद्धि की संभावनाएं हैं. कंसल्टिंग फर्म केपीएमजी के अनुमान के मुताबिक, 2025 तक भारत में यह उद्योग 3.9 अरब डॉलर (29,396 करोड़ रुपए) का हो जाएगा.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केंद्रीय बजट में कहा कि सरकार भारतीय बाजारों और वैश्विक मांग की पूर्ति की खातिर युवाओं को काम में लगाने और घरेलू क्षमता निर्माण के तरीके सुझाने के लिए एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) प्रोत्साहन कार्य बल के गठन की योजना बना रही है. भारतीय उद्योग परिसंघ और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के मुताबिक, वीएफएक्स (विजुअल इफेक्ट्सा) और एनिमेशन के वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी फिलहाल 10 फीसद से भी कम है.

डेलॉइट इंडिया के पार्टनर और मीडिया तथा एंटरटेनमेंट सेक्टर के प्रमुख जेहिल ठक्कर कहते हैं, ''टास्क फोर्स के गठन से भारत में डेलॉइट के अनुमान से 20 लाख नौकरियों के सृजन की संभावना है. मेटावर्स के विकास के लिहाज से यह अहम हुनर हैं और भारत इसका फायदा उठाने के लिए तैयार है.’’

मेटावर्स ऑनलाइन 3डी संसार है जहां कई सारे वर्चुअल स्थान एक साथ आ मिलते हैं. इंटरनेट का भावी पड़ाव माना जा रहा मेटावर्स इन 3डी जगहों पर तमाम यूजर को साथ मिलकर काम करने, मिलने, गेम खेलने और मेलजोल की सुविधा देता है. कर्नाटक सरकार ने जनवरी में बेंगलूरू में एवीजीसी उत्कृष्टता केंद्र लॉन्च किया, जो इन क्षेत्रों में उभरती तमाम टेक्नोलॉजी पर कोर्स की पेशकश करता है.

उत्पाद और अनुभव 

अप्रैल 2021 में एक्सेंचर ने कहा कि गेमिंग के वैश्विक उद्योग का बाजार फिल्मों और संगीत के मिले-जुले बाजार से ज्यादा है. चीन, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका दुनिया में गेमिंग के सबसे बड़े बाजार हैं. दुनिया भर में 2.7 अरब लोगों ने गेम खेले, जिनमें 2023 के अंत तक और 40 करोड़ लोगों के जुड़ने की उम्मीद है. इनमें 60 फीसद महिलाएं और 30 फीसद 25 से कम उम्र के युवा थे. एक्सेंचर के सॉफ्टवेयर और प्लेटफॉर्म इंडस्ट्री ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर सेठ शुलर कहते हैं, ''नए गेमिंग प्लेटफॉर्म के लगातार आने और लोगों के बदलते रुझान से गेमिंग अनुभव का मामला बनता जा रहा है.’’

चीनी फर्म टेनसेंट का लोकप्रिय बैटल गेम पबजी भारतीय गेमरों का पसंदीदा गेम हुआ करता था, जब तक 2020 में चीन के साथ सरहदी तनाव के बाद कई दूसरे चीनी ऐप के साथ इस पर प्रतिबंध नहीं लग गया. पबजी पर पाबंदी के बाद वियतनामी फर्म 111डॉट्स स्टुडियो में विकसित और सिंगापुर की गैरेना की मार्केटिंग वाले फ्री फायर ने खासी लोकप्रियता हासिल की, मगर इस पर भी भारत में हाल में यूजर डेटा के संभावित दुरुपयोग का हवाला देकर रोक लगा दी गई. 

खास रपटः खेल-खेल में बन गया बाजार
खास रपटः खेल-खेल में बन गया बाजार

भारत में गेमिंग बाजार की वृद्धि का एक प्रमुख कारक टेक्नोलॉजी में तेज प्रगति है. 2016 में 4जी सेवाओं की लॉन्चिंग के साथ हाइ-स्पीड इंटरनेट और सस्ते दामों पर डेटा मिलना पन्न्का हुआ. कंसल्टिंग फर्म मैकिंजी के मुताबिक, 17 उभरती अर्थव्यवस्थाओं में किसी भी अन्य देश के मुकाबले भारत में, इंडोनेशिया के अलावा, सबसे तेज डिजिटकरण हो रहा है. भारत में स्मार्टफोन की संख्या भी 2023 तक दोगुनी होकर 65-70 करोड़ हो जाना तय है. अगले साल तक भारत में 5जी लॉन्च होने के साथ इंटरनेट की बैंडविद्थ ज्यादा हो जाएगी, जिससे गेमिंग आसान होगी. 2020 में दुनिया भर के वीडियो गेमिंग की कमाई में स्मार्टफोन गेमों की हिस्सेदारी करीब 50 फीसद थी.

भारत क्यों  है खास

भारी मांग गेम डेवलपरों को भारत-केंद्रित सामग्री तैयार करने पर जोर दे रही है. खुद को 'भारत का अपना मेटावर्स’ कहने वाले पार्टीनाइट डॉट आइओ के चीफ बिल्डर रजत ओझा कहते हैं, ''भारत के हक में ऐक्शन, बॉलीवुड, क्रिकेट और डिवोशन है.’’ भारत में विकसित कुछ गेम हैं आइवागेम्स का रीयल स्नूकर 3डी, नेक्स्टवेव मल्टीमीडिया का वर्ल्ड क्रिकेट चैंपियनशिप, पबजी पर पाबंदी के बाद बेंगलूरू स्थित एंकोर गेम्स का एफएयू-जी (फियरलेस ऐंड यूनाइटेड गार्ड्स) या फौ-जी, मुंबई स्थित गेमेशन टेक्नोलॉजीज का लूडो किंग, और प्राचीन भारत की पृष्ठभूमि में ऐक्शन-ऐडवेंचर गेम राजी.

माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी में कैलिफोर्निया स्थित वीडियो गेम कंपनी ऐक्टीविजन ब्लिजार्ड इंक को पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 69 अरब डॉलर (5.2 लाख करोड़ रुपए) में खरीद लिया. इसके साथ माइक्रोसॉफ्ट ने कमाई में चीन की टेनसेंट और जापान की सोनी को पछाड़ दिया और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी बन गई. ऐक्टीविजन का कैंडी क्रश सागा और कॉल ऑफ ड्यूटी—सीजन 1 भारत के शीर्ष 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एंड्रॉइड गेम हैं. स्वीडिश गेमिंग कंपनी मॉडर्न टाइम्स ग्रुप ने जुलाई में बेंगलूरू स्थित वर्ड गेम्स डेवलपर प्लेसिम्पल का 36 करोड़ डॉलर (2,720 करोड़ रुपए) में अधिग्रहण किया.

इस क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी भी बढ़ रही है. निवेश बैंकिंग प्लेटफॉर्म मेपल कैपिटल एडवाइजर्स की रिपोर्ट ने बताया कि भारत के गेमिंग स्टार्ट-अप ने जनवरी और सितंबर 2021 के बीच 43 सौदों में 1.6 अरब डॉलर (12,000 करोड़ रुपए) आकर्षित किए. करीब 90 फीसद निवेश फैंटेसी स्पोट्र्स और प्लेटफॉर्म गेमिंग सेक्टर की दो बड़ी कंपनियों में गया और इसी के साथ ड्रीम स्पोट्र्स और मोबाइल प्रीमियर लीग ने क्रमश: 78.5 करोड़ डॉलर (5,917.5 करोड़ रुपए) और 37.5 करोड़ डॉलर (2,826 करोड़ रुपए) उगाहे. ड्रीम स्पोट्र्स ने इसके अलावा 24 नवंबर को 84 करोड़ डॉलर (6,332 करोड़ रुपए) के फंडिंग दौर का भी ऐलान किया. शीर्ष वेंचर फर्म एक्सेल और मैटिक्स पार्टनर्स इंडिया ने प्लेशिफू, जुपी और विंजो सरीखी फर्म में लाखों डॉलर निवेश किए हैं.

भारत में गेमिंग टूर्नामेंट भी आयोजित हो रहे हैं. 2019 में इंडिया टुडे ग्रुप के फ्री फायर इंडिया टुडे लीग गेमिंग टूर्नामेंट में पूरे भारत से 1,25,000 लोगों ने हिस्सा लिया. ग्रुप का फ्री फायर का इस्तेमाल करने वाला ईस्पोट्र्स प्रीमियर लीग बिल्कुल पहला फ्रैंचाइजी फॉर्मेट टूर्नामेंट था, बहुत कुछ क्रिकेट के आइपीएल फॉर्मेट तरह, और इसके लिए दस लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन आए.

बेहतरी की गुंजाइश

इस उद्योग में गुणवत्ता जैसे कई मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है. इंडिया टुडे ग्रुप के बिजनेस हेड, गेमिंग और ईस्पोर्ट्स, विश्वालोक नाथ कहते हैं, ''ये 'एएए’ गेम हैं या ऐसे गेम्स हैं जिनके विकास और मार्केटिंग का बजट 100 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए के बीच होता है.’’ यह बड़े बजट की फिल्म बनाने की तरह है. 
 
भारत में एक और चुनौती गेमिंग के बारे में चिंताएं है. ज्यादा माता-पिता यही मानते हैं कि गेमिंग से बच्चों का ध्यान पढ़ाई से भटक जाता है. उन्हें डर है कि उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत प्रतिकूल असर पड़ सकता है. दक्षिण कोरियाई गेमिंग कंपनी क्राफ्टन के कंट्री मैनेजर इंडिया अनीश अरविंद कहते हैं, ''एशियाई खेलों में ईस्पोट्र्स के शामिल होने से इसकी वैधता बढ़ेगी.’’ 

कई लोकप्रिय भारतीय गेमर भी हैं जिनके यूट्यूब पर खासी बड़ी तादाद में फॉलोवर हैं. गेमर अजय (वे अपने उपनाम का जिक्र करना नहीं चाहते) के यूट्यूब चैनल टोटल गेमिंग के 3 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. छद्मनाम मोर्टल से ज्यादा जाने जाने वाले नमन माथुर के यूट्यूब पर 70 लाख फॉलोवर हैं. गेमिंग के प्रशिक्षण की अच्छी सुविधाओं का न होना भी दिक्कतें पैदा करता है. 

भारत में गेमिंग से जुड़ी वर्जनाएं धीरे-धीरे टूट रही हैं. लेकिन इसकी वास्तविक क्षमताओं के दोहन के लिए देश को विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर बेहतर काम करने पर ध्यान देना होगा. इस क्षेत्र में हुनर विकसित करने और कॉलेजों में गेमिंग के विशेष कोर्स शामिल करने की जरूरत है. टास्क फोर्स की स्थापना इस दिशा में सही और मजबूत कदम है. ठ्ठ

300
अरब डॉलर
(22.5 लाख करोड़ रु.) है दुनिया में गेमिंग इंडस्ट्री का बाजार
2.4
अरब डॉलर
(18,090 करोड़ रु.) है भारत में गेमिंग इंडस्ट्री का बाजार 
44 
करोड़ हैं भारत में गेमर 
3.9
अरब डॉलर
(29,396 करोड़ रु.) का भारत में 2025 तक गेमिंग इंडस्ट्री का बाजार हो जाने का अनुमान*
 

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