भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मैसूर चिड़ियाघर में एक नौ बरस के रॉयल बंगाल टाइगर को गोद लेकर वन्य जीवों के लिए अपना लगाव जाहिर किया. उन्होंने गोद लेने की एक लाख रु. फीस दी जो वहां इस बाघ अगस्त्य के भोजन, सेहत और उसकी देखभाल पर खर्च होगी.
इस महीने की शुरुआत में झारखंड के वनों और वन्य जीवों के ब्रांड एंबेसेडर बनाए गए धोनी की इस सदाशयता से उनके गृह राज्य में भी उम्मीदें जगी हैं.
रांची के बिरसा मुंडा चिड़ियाघर के अधिकारियों ने यहां धोनी से कोई बाघ या दूसरा कोई जानवर गोद लेने की गुजारिश की है, इस उम्मीद में कि उनसे प्रेरणा लेकर दूसरे लोग भी आगे आएंगे. बॉलीवुड की अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा पहले ही बिरसा मुंडा चिड़ियाघर की एकमात्र शेरनी दुर्गा को गोद ले चुकी हैं.
पिछले साल उत्तराखंड में बाघ संरक्षण मिशन के ब्रांड एंबेसेडर बने धोनी को राज्य के उप-मुख्यमंत्री सुदेश महतो ने राज्य का ब्रांड एंबेसेडर बनने को राजी किया ताकि अधिकारियों को पर्यावरण तथा वन्य जीवन के प्रति जागरूकता पैदा करने में मदद मिल सके. इस बात की पक्की संभावना है कि धोनी की मौजूदगी से झारखंड में जंगलों के संरक्षण तथा उनके विकास में सामान्य जनता की भागीदारी पक्की हो सकेगी.
झारखंड में जंगलों का क्षेत्र 23,605 वर्ग किमी दर्ज है. राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र के 29.61 फीसदी इलाके में वन स्थित हैं जबकि देश के कुल वन क्षेत्र का यह 3.1 प्रतिशत है. झारखंड में वन्य जीवन बहुत समृद्ध और विविधताओं से भरपूर है. झारखंड के कुछ अहम वन्य पशु हैं-हाथी, बाघ, तेंदुए, जंगली भैंसा, सियार, भालू, जंगली सूअर और लकड़बग्घा.
दरअसल महतो धोनी के निजी दोस्त भी हैं. और धोनी अक्सर समय निकालकर 60 किमी दूर महतो के गांव सिल्ली चले जाते हैं जहां दोनों एक साथ फुटबॉल खेलते हैं. महतो ने इंडिया टुडे को बताया, ''हम जागरूकता अभियान में अधिकतम नतीजे हासिल करने के लिए धोनी को सक्रिय रूप से जोड़ने की योजना बना रहे हैं. धोनी को ब्रांड एंबेसेडर बनाना हमारी बड़ी उपलब्धि है.
राज्य में खतरे में पड़े अन्य वन्य पशुओं की हिफाजत के बारे में उनके संदेश को भी हम प्रचारित कर रहे हैं.'' पर्यावरण तथा वन विभाग के प्रभारी मंत्री महतो कहते हैं, ''झारखंड में बाघों की हिफाजत में धोनी की सेवाएं इस्तेमाल करने के बारे में वन विभाग दस्तावेज बना रहा है. हम खतरे में पड़े दूसरे वन्य पशुओं को बचाने की अहमियत लोगों को समझाने में भी उनके संदेश का प्रचार करेंगे.''
महतो कहते हैं कि इस मामले में धोनी के आगे आने से झारखंड अब अंतरराष्ट्रीय फोकस में आ जाएगा क्योंकि 'सेव टाइगर' (बाघ बचाओ) एक विश्वव्यापी अभियान है और पलामू बाघ अभयारण्य राज्य में ही स्थित है.
34वें राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक आयोजित करने पर राज्य को बधाई देने वाले धोनी भी, उन्हें अत्याधुनिक खेल अकादमी बनाने के लिए झारखंड के राज्यपाल द्वारा जमीन देने की राज्य सरकार की सदाशयता का अनुकूल जवाब दे सकते हैं.
झारखंड में एक राष्ट्रीय उद्यान और 11 वन्य जीव अभयारण्य हैं. इसके अलावा राज्य में एक जीव-विज्ञान पार्क, एक हिरण पार्क तथा घड़ियालों के प्रजनन का एक केंद्र भी है. ऐसे में वन्य प्राणियों के संरक्षण का सवाल निश्चित ही अहम हो जाता है.