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समय से पहले खत्म हो सकता है संसद का मानसून सत्र

संसद का मानसून सत्र एक सप्ताह पहले खत्म हो सकता है. सभी दलों से विचार-विमर्श के बाद ही स्पीकर इस पर फैसला लेंगे.

संसद (प्रतीकात्मक फोटो)
संसद (प्रतीकात्मक फोटो)
अपडेटेड 19 सितंबर , 2020

कोरोना संकट के बीच चल रहा संसद का मानसून सत्र समय से पहले खत्म हो सकता है. सत्र में एक हफ्ते की कटौती करते हुए इसे 1 अक्तूबर की जगह 25 सितंबर तक ही चलाने का फैसला लिया जा सकता है. राजनीतिक दलों से इस बारे में फीडबैक लिया जा रहा है.

संसद का मानसून सत्र कोरोना संकट के बीच अपने बदले स्वरूप में 14 सितंबर से 1 अक्तूबर तक आहूत किया गया है. सत्र में प्रश्नकाल की व्यवस्था खत्म कर दी गई है और शून्यकाल के समय में भी संशोधन किया गया है. प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश नहीं हो रहा है. सरकार का मुख्य फोकस उन 13 अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पास कराना है जो लॉकडाउन के दौरान लिए गए. भारतीय सीमा में चीन के घुसपैठ के मुद्दे पर चर्चा भी नहीं हो सकी, सिर्फ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का वक्तव्य ही सदन में हो सका. अर्थव्यवस्था, कोरोना, प्रवासी मजदूरों के पलायन, कश्मीर, बाढ़ जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा की गुंजाइश ही खत्म हो गई.

लोकसभा सचिवालय के सूत्रों का कहना है कि इस बार संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सिर्फ चार-चार घंटे ही चल रही है इसलिए विधेयक को पेश और पास कराने पर ज्यादा फोकस है. चूंकि विस्तृत चर्चा के लिए समय निर्धारित होना मुश्किल है इसलिए 1 अक्तूबर तक संसद चलाने का औचित्य नहीं है. सरकार की तरफ से भी विधेयक को पास कराना ही प्राथमिकता है. दूसरी तरफ सत्र की शुरूआत से ही कोरोना टेस्ट में लगभग 30 सदस्य पॉजिटिव पाए गए और बाद में केंद्रीय मंत्री भी इसकी चपेट में आने लगे. ऐसे में सत्र को जल्द से जल्द समाप्त करना ही बेहतर है. सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श के बाद ही स्पीकर यह फैसला लेंगे कि सत्र को समय से पहले समाप्त किया जाए या नहीं.

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