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बलात्कार के शिकार पुरूष के दर्द को बयान करती है फिल्म 376डी

बलात्कार के मामले पर बनी फिल्म ‘376डी’ 9 अक्तूबर को शेमारू बॉक्स ऑफिस पर दिखाई जाएगी. लेकिन यह फिल्म थोड़ी लीक से हटकर है. इसमें बलात्कार की शिकार कोई महिला नहीं है बल्कि एक पुरुष है.

फिल्म 376डी 9 अक्तूबर को रिलीज होगी
फिल्म 376डी 9 अक्तूबर को रिलीज होगी
अपडेटेड 5 अक्टूबर , 2020

बलात्कार या सामूहिक बलात्कार पर आधारित कई फिल्में बनी हैं. ‘दामिनी’ के बाद हाल में अमिताभ बच्चन और तापसी पन्नू अभिनीत ‘पिंक’ फिल्म को बड़ी कामयाबी मिली. बलात्कार के मामले पर फिल्म ‘376डी’ भी है जो 9 अक्तूबर को शेमारू बॉक्स ऑफिस पर दिखाई जाएगी. लेकिन यह फिल्म थोड़ी लीक से हटकर है. इसमें बलात्कार की शिकार कोई महिला नहीं है बल्कि एक पुरुष है. इस फिल्म को दो युवा फिल्मकारों ने बनाई है जिसमें गुनवीन कौर महिला हैं तो रोबिन सिकरवार पुरुष हैं. गुनवीन बताती हैं, "शुरुआत में हम महिला के साथ रेप के मामले पर फिल्म बनाने की सोच रहे थे. लेकिन रिसर्च के दौरान हम चकित थे कि पुरुषों के साथ भी ऐसे कई मामले हैं जिसको लेकर हम जागरूक नहीं हैं. तब हमने तय किया कि पीड़ित पुरुष को लेकर फिल्म बननी चाहिए. रेप बुरा है चाहे वो आदमी के साथ हो या औरत के साथ. हर इंसान पर इसका असर एक ही तरह का होता है." रोबिन कहते हैं, "यूएस और यूके में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. किसी आदमी के साथ यह होता है तो वह आंतरिक से रूप से बहुत स्ट्रगल करता है."

गुनवीन और रोबिन पर शुजीत सरकार स्कूल का ज्यादा असर है. शुजीत के सहायक के तौर पर दोनों ने न सिर्फ विज्ञापनों बल्कि फिल्मों के लिए साथ काम किया है. फिल्म तकनीक में अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए दोनों ने ‘भूतनाथ’ के निर्देशक विवेक शर्मा के साथ भी काम किया. दोनों ने अपनी निर्देशन और लेखन कला को खूब तरासा. अब उन्होंने अपने दम पर पहली फिल्म '376डी' बनाई है जिसे खजुराहो सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में खूब सराहना मिली है. हालांकि, इसके प्रदर्शन में देर हो रही है. रोबिन के शब्दों में, "376डी संदेश देने वाली एक कमर्शियल फिल्म है. लेकिन नए चेहरों के कारण इसमें खरीदारों ने दिलचस्पी कम दिखाई. हम क्या कर सकते थे. कहानी में किसी नामचीन स्टार की जरूरत नहीं थी. खैर, देर से ही सही, शोमारू जैसा प्लेटफार्म मिल गया. हम जो दिखाना चाहते हैं वो लोग देख पाएंगे." गुनवीन भी बताती हैं, "फिल्म में पीड़ित इंसान का इमोशनल जर्नी है और कोर्ट रूम ड्रामा दर्शकों को बांधकर रखेगा."

लखनऊ की गुनवीन तेरह साल से बॉलीवुड में हैं और ग्वालियर से अहमदाबाद में बसे रोबिन भी एक दशक से इस इंडस्ट्री का हिस्सा हैं. एक साथ काम करने से दोनों की सोच-समझ में काफी तालमेल है. इसलिए दोनों कहते हैं कि फिल्म के लेखन और निर्देशन में पुरुष और महिला के तौर पर हमारे बीच ईगो सामने नहीं आए क्योंकि, हम दोनों समझते हैं कि अगर कोई सुझाव है तो वह फिल्म की बेहतरी के लिए है. गुनवीन ने बताया कि फिल्म किसी सच्ची घटना पर आधारित नहीं है बल्कि इसमें फिक्शन स्टोरी है. लेकिन रियलिस्टिक फिल्म बनाने की कोशिश की गई. इसलिए इसमें लीड रोल में थिएटर ऐक्टर विवेक कुमार को लिया गया. कहानी संवेदनशील और भावुक करने वाली हैं. इसमें हीरोइन दीक्षा जोशी हीरो को सपोर्ट करती हैं. बकौल रोबिन, "गुजरात हाइकोर्ट के डिफेंस लॉयर सुमित सिंह सिकरवार को पब्लिक प्रोसिक्यूटर बनाया गया है. इसके लिए उन्हें तीन महीने तक वर्कशॉप कराया गया ताकि उनके अंदर से डिफेंस लॉयर को बाहर किया जा सके. प्रियंका शर्मा ने डिफेंस लॉयर की भूमिका निभाई है."

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