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बिहार: लाखों बच्‍चों को नहीं मिला मिड डे मील

बिहार में लगातार दूसरे दिन भी प्राइमरी स्कूल के लाखों बच्चे भूखे रह गए. शिक्षक संघ ने मिड डे मील योजना से अपनी जिम्मेदारी खींच ली है, लिहाजा करीब 5 हजार स्कूलों में बच्चों को दोपहर का खाना नहीं परोसा गया और शुक्रवार से शुरु हुए बिहार विधानसभा सत्र में सरकार ने मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी.

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शिक्षकों ने किया मिड डे मील का बहिष्‍कार
शिक्षकों ने किया मिड डे मील का बहिष्‍कार

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बिहार में लगातार दूसरे दिन भी प्राइमरी स्कूल के लाखों बच्चे भूखे रह गए. शिक्षक संघ ने मिड डे मील योजना से अपनी जिम्मेदारी खींच ली है, लिहाजा करीब 5 हजार स्कूलों में बच्चों को दोपहर का खाना नहीं परोसा गया और शुक्रवार से शुरु हुए बिहार विधानसभा सत्र में सरकार ने मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी.

बिहार में एक तरफ मिड डे मील का निवाला खाकर 23 बच्चों की मौत का बवाल है तो दूसरी तरफ स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों लाखों बच्चों को लेकर सरकार की बेपरवाही एक बार फिर उजागर हो रही है.

शुक्रवार को भी राज्य के लाखों बच्चों को मिड डे मील मिला ही नहीं. ऐसा ही एक दिन पहले गुरुवार को भी हुआ था. बिहार के करीब 70 हजार स्कूलों के करीब 3 लाख शिक्षकों ने मिड डे मील योजना से अपने हाथ खींच लिए हैं.

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दरअसल 25 जुलाई को बिहार प्राथमिक स्कूल टीचर एसोसिएशन ने तय किया है कि वो मिड डे मील की जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे. अब स्कूल के बच्चे घर से टिफिन लेकर स्कूल जाने पर मजबूर हैं. जाहिर है, ऐसे में बच्चों को खाना देने की कोई दूसरी व्यवस्था हुई नहीं और बच्चों को खाना मिला नहीं.

प्राथमिक शिक्षक संघ ने ये फैसला लिया है कि जिन स्कूलों में विद्यालय समिति के तहत मिड डे मील बनाया जाता है, उनमें शिक्षक हिस्सा नहीं लेंगे. संघ का आरोप है कि छपरा में हुए हादसे के बाद से शिक्षकों को प्रताडित किया जा रहा है.

इस बीच बिहार के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से अपील की है कि वो मिड डे मील से अपने आप को अलग न करें. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मिड डे मील योजना को और बेहतर करने की बात कही है.

हालांकि बिहार के ही कटिहार जिले में शिक्षक संघ के आह्वान पर स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील परोसा जा रहा है. शिक्षक संघ के क्षेत्रिय सचिव ने सरकार के विरोध में नहीं जाने का फैसला किया और अपने ही संघ को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.

भले ही कटिहार में स्कूली छात्रों को राहत है लेकिन मिड डे मील का सनसनीखेज मामला, राज्य सरकार की किरकिरी और प्राथमिक शिक्षक संघ के फैसले के बीच राज्य के दूसरे स्कूली छात्र तो पिस ही रहे हैं.

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