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सारण व गोपालगंज में चापाकल का पानी पीने से 19 छात्र बीमार

बिहार के सारण और गोपालगंज जिले में अलग-अलग सरकारी विद्यालयों में चापाकल का पानी पीने के बाद गुरुवार को 19 छात्रों सहित 21 लोगों की तबीयत बिगड़ गई. दोनों मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

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बिहार के सारण और गोपालगंज जिले में अलग-अलग सरकारी विद्यालयों में चापाकल का पानी पीने के बाद गुरुवार को 19 छात्रों सहित 21 लोगों की तबीयत बिगड़ गई. दोनों मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

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पुलिस के अनुसार सारण जिले के परसा प्रखंड के मौलानापुर गावं स्थित मध्य विद्यालय में चापाकल (हैंडपंप) से पानी पीने से कम से कम 15 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. इनमें से 11 बच्चों को बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा गया है.

सारण जिले के जिलाधिकारी अभिजीत सिन्हा ने बताया कि विद्यालय प्रशासन के मुताबिक मिड-डे मिल खाने के बाद बच्चों ने विद्यालय में लगे चापाकल से पानी पिया और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. बच्चों ने पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत की.

तत्काल सभी बच्चों को प्राथमिक उपचार दिया गया और 11 बच्चों को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) भेज दिया गया. सभी बच्चे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

पीएमसीएच के अधीक्षक अमरकांत के मुताबिक सभी बच्चों का इलाज शुरू हो गया है. इन बच्चों के लिए सात सदस्यीय चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई है. घटना से आक्रोशित लोगों ने स्कूल के पास जमकर हंगामा किया.

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उधर गोपालगंज जिले के कुचाइकोट प्रखंड में भी एक सरकारी विद्यालय में दूषित पानी पीने के बाद चार छात्रों सहित छह लोग बीमार हो गए. गोपालगंज के अनुमंडल अधिकारी रेयाज अहमद ने बताया कि चापाकल का पानी पीने के बाद चार छात्रों और दो शिक्षकों ने चक्कर आने की शिकायत की.

उन्होंने बताया कि तीन बच्चों को इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया, जबकि विद्यालय परिसर में ही दवा लेने के बाद शेष लोग ठीक हो गए. उन्होंने कहा कि जिला अधिकारी कृष्णमोहन ने मामले की जांच के लिए अधिकारियों का एक दल रवाना कर दिया है. सभी पीड़ित खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि पिछले 16 जुलाई को सारण जिले के मशरख प्रखंड के धर्मसती गंडामन गांव में मिड-डे मिल खाने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी.

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