लोकसभा चुनाव की आहट के साथ ही जेडीयू में बगावत के सुर तेज हो गए हैं. नीतीश कुमार के दो करीबी विधान पार्षदों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है.
महाचन्द्र प्रसाद सिंह और देवेश चन्द्र ठाकुर, दोनों ने हर हाल में लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वे चुनाव लड़ेंगे, चाहे दूसरी पार्टी या निर्दलीय ही क्यों न लड़ना पड़े. इस बगावत ने एक बार फिर जेडीयू के भीतर कलह को सामने ला दिया है.
पार्टी का टिकट नहीं मिलने की संभावना ने जेडीयू के भीतर कइयों को नाराज कर दिया है. पहले ही पार्टी प्रवक्ता पद छोड़ चुके देवेश चन्द्र ठाकुर ने ऐलान कर दिया कि वे जल्द ही पार्टी छोड़ देंगे और निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. हालांकि देवेश ने बीजेपी में शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया है.
देवेश चन्द्र ठाकुर ने कहा, 'लोकसभा चुनाव लड़ने का नेतृत्व ने मौका नहीं दिया. यह तय हो चुका है कि मैं पार्टी छोड़ रहा हूं. मैं किसी के साथ जा सकता हूं, बीजेपी के साथ भी...'
उधर, दूसरे विधान पार्षद महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने भी जल्द ही पार्टी छोड़कर चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी में जब आया था, तो ललन सिंह नीतीश भगाओ, बिहार बचाओ की बात कर रहे थे. तब मैं घूम-घूमकर नीतीश जी को बचा रहा था. तब यह कहा गया कि मुंगेर से मैं लड़ूंगा. ऐसे में यह मेरी सीट है. अब कोई दे, न दे, मैं तो लड़ूंगा.'
उधर बीजेपी जेडीयू में हो रही खुली बगावत को अपने लिए माकूल समझ रही है. बीजेपी के मुताबिक, अभी तो शुरुआत है और डूबते नाव पर कोई नहीं रहना चाहता है. आने वाले वक्त में कई लोग और बगावत कर सामने आएंगे.
बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा, 'कोई भी डूबती नाव में सवार नहीं होना चाहता है. इन लोगों ने घोषित कर दिया है वे तो सामने हैं, लेकिन कई ऐसे हैं, जो आने वाले वक्त में बगावत करेंगे.'
बहरहाल, जेडीयू के भीतर मचा बवाल फिलहाल थमता नहीं दिखता. पार्टी में नाराज लोगों की तादात कहीं ज्यादा है. लेकिन आने वाले वक्त में कई पार्टियों में टिकट को लेकर भगदड़ मच सकती है, जिसमें बीजेपी के भीतर करीब आधे दर्जन विधायक टिकट के लिए जेडीयू का भी दामन थाम सकते हैं.