छठ पर्व के दौरान पटना में गंगा के घाटों पर उमड़ने वाले लाखों की संख्या में ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने 20 घाटों को संवेदनशील और खतरनाक घोषित कर दिया है और यहां पर श्रद्धालुओं के छठ पर्व मनाने पर रोक लगा दी गई है. पिछले साल जहां पटना प्रशासन ने 32 घाटों को खतरनाक घोषित किया था, वहीं इस साल खतरनाक घाटों की संख्या में कमी आई. श्रद्धालु अब बाकी बचे 68 घाटों पर डूबते सूरज और उगते सूरज को अर्घ्य दे सकेंगे.
प्रशासन ने 20 घाटों को खतरनाक घोषित किया
पटना प्रशासन ने जिन घाटों को खतरनाक घोषित किया है उनमें प्रमुख है अदालतगंज घाट, बांकीपुर क्लब घाट, रामजी चक घाट, नहर घाट और कृष्णा घाट. इन घाटों तक श्रद्धालु न पहुंचे इसके लिए इन घाटों की बैरीकेडिंग की जा रही है और पुलिस बल तैनात किए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को इन घाटों पर जाने से रोका जाए. पटना के डीएम संजय अग्रवाल ने कहा कि 'पिछले साल की तुलना में खतरनाक घाटों की संख्या में कमी हुई है. हमने घाटों तक पहुंचने वाले रास्तों को और मजबूत कर बैरिकेडिंग लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए जा रहे हैं'.तलाब का निर्माण किया जा रहा है
पटना के डीएम संजय अग्रवाल ने बताया जिन 20 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है वहां पर श्रद्धालुओं के लिए विकल्प के तौर पर तालाब का निर्माण कराया जा रहा है. संजय अग्रवाल ने बताया कि जिला प्रशासन सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था सुनिश्चित कर रहा है. पटना डीएम ने सोमवार को गंगा घाटों का निरीक्षण किया और कहा कि किन-किन घाटों पर श्रद्धालु पूजा अर्चना कर सकेंगे इसकी अंतिम सूची 4 नवंबर को प्रकाशित की जाएगी.