
बंगाल चुनाव परिणामों को गुजरे एक महीना बीते चुका है लेकिन बंगाल चुनाव परिणामों के बाद हुई हिंसा का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चुनाव के बाद बंगाल में हो रही हिंसा पर कार्रवाई करने के लिए बिहार के 25 बुद्धिजीवियों ने बंगाल के राज्यपाल को पत्र भेजा है. 1 जून को लिखे इस पत्र की प्रतिलिपि राष्ट्रपति को भी भेजी गई है. इस पत्र पर तीन पूर्व जज, पांच पूर्व डीजीपी, डॉक्टर समेत पद्म श्री सम्मान से सम्मानित बुद्धिजीवी भी शामिल हैं.
पत्र में आरोप लगाया गया है कि बंगाल की सरकार हिंसा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. पत्र में लिखा गया है कि जिनके खिलाफ हिंसा हो रही है उनका कसूर इतना है कि उन्होंने केवल अपने मताधिकार का प्रयोग किया. हिंसा के शिकार ज्यादातर अनसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति के लोग और खासतौर पर महिलाएं हैं. आंकड़ों के साथ भेजे गए इस पत्र की प्रतिलिपि बंगाल के राज्यपाल और राष्ट्रपति दोनों को भेजी गई है.
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आपको बता दें इससे पहले 24 मई को भी पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों के एक ग्रुप ने बंगाल हिंसा पर जांच के लिए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर अपील की थी. इस समूह ने अपने पत्र में लिखा था कि बंगाल चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच के लिए SIT का गठन किया जाए. जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के कोई रिटायर्ड जज करें ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.
इस ज्ञापन को देने वालों में पूर्व जज, एंबेसडर, सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व आईएएस-आईपीएस अधिकारी शामिल थे. बंगाल की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी भाजपा भी सत्ताधारी पार्टी पर लगातार आरोप लगाती रहती है कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा कार्यकर्ताओं को चुन चुन कर टारगेट कर रहे हैं.