बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पार्टी से निकाल दिए गए हैं. उन्होंने बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की थी और पद छोड़ने से इनकार कर दिया था. जवाबी कार्रवाई में शरद यादव ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया. आइए देखते हैं कि वो कौन सी 5 वजहें थीं जिनसे मांझी बागी हो गए.
1. मांझी को कभी यह नहीं कहा गया कि वो अस्थायी मुख्यमंत्री हैं और उनसे कभी भी पद लिया जा सकता है.
2. नीतीश कुमार के करीबी नेता चाहते थे कि वो हमेशा उनकी ही सुनें. लेकिन मांझी को यह पसंद नहीं था और वो अपने तरीके से सरकार चलाना चाहते थे.
3. उन पर नीतीश समर्थकों ने बेईमानी तक के आरोप लगाए जबकि वो निहायत ही ईमानदार राजनीतिज्ञ हैं. उनका दामन साफ है. इस बात से उन्हें तकलीफ हुई.
4. नीतीश कुमार उन्हें शुरू से कठपुतली सीएम की तरह रखना चाहते थे और उनके मन में बिहार का सीएम फिर से बनने की इच्छा रही थी. वो नहीं चाहते थे कि उनके चहेते अफसरों
को हटाया जाए जो मांझी की बातें नहीं सुन रहे थे.
5. दिल्ली के अपने शानदार बंगले में बैठकर जेडी (यू) अध्यक्ष शरद यादव उनके बारे में घटिया बयान दे रहे थे जिस पर उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत भी हुई. शरद यादव चाहते थे कि
वह उनके इशारे पर चलें.