बिहार की राजधानी पटना में तीन दिनों से जारी पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से 5 बच्चों समेत 8 मरीजों की मौत हो गई है. वहीं पीएमसीएच में प्रिंसिपल को हटाने की मांग के साथ मेडिकल छात्र धरना पर बैठ गए हैं.
निराश लौट रहे हैं सैकड़ों मरीज
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच लगभग ठप्प हो चुका है. रविवार को पीएमसीएच इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टरों के साथ एक मरीज के परिजनों की मारपीट के बाद से सभी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. हड़ताल की वजह से अब तक 5 बच्चों समेत कुल 8 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं इलाज के अभाव में सैकड़ों मरीज प्राइवेट क्लीनिक और नर्सिंग होम का रुख कर चुके हैं.
प्रिंसिपल को हटाने की मांग
जूनियर डॉक्टर्स अपने साथ हुई मारपीट के लिए पीएमसीएच के प्रिंसिपल को दोषी ठहराते हुए उन्हें हटाए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. इस हड़ताल की वजह से मरीजों का बुरा हाल है. गरीब मरीज अपनी बेहाली के लिए जूनियर डॉक्टर्स को जिम्मेदार बता रहे हैं.
धरना से बाकी मरीजों को दिक्कत
अस्पताल कैंपस में धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स ने बड़े-बड़े साउंड बॉक्स लगाकर नारेबाजी कर रहे हैं. इसके बाद वहां बचे-खुचे मरीजों और उनके परिजनों को खासी परेशानी हो रही है.