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बिहार में भाजपा सांसद निकालेंगे 'वेदना रैली'

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जहां एक ओर 'अधिकार यात्रा' पर हैं, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रमुख घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 30 सितम्बर को राज्य में 'वेदना रैली' निकालने की तैयारी में जुटी है.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए जहां एक ओर 'अधिकार यात्रा' पर हैं, वहीं दूसरी ओर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रमुख घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 30 सितम्बर को राज्य में 'वेदना रैली' निकालने की तैयारी में जुटी है.

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पूर्णिया के सांसद उदय सिंह राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए 'वेदना रैली' निकालेंगे तो जनता दल (युनाइटेड) के कार्यकर्ता अगले महीने पटना में होने वाली 'अधिकार रैली' की तैयारी में जुटे हैं. उदय का आरोप है कि बिहार में विकास के नाम पर लोगों को बरगलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में करीब 3.5 लाख परिवारों में से 2.1 लाख परिवारों पर सर्वेक्षण कराया गया. सर्वेक्षण की रिपोर्ट कल्याणकारी योजनाओं की अव्यावहारिकता को प्रदर्शित करती है. वह स्पष्ट करते हैं कि अगर पूर्णिया में गरीबी के आंकड़े बढ़े हैं तो बिहार के अन्य इलाकों में भी स्थिति नहीं बदली होगी.

उन्होंने कहा कि करीब 80 प्रतिशत लोग जीविका चलाने के लिए आकस्मिक श्रम पर निर्भर हैं, जिनमें से कुल 13 प्रतिशत परिवारों को ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत काम मिला है. उन्होंने कहा कि जनता की आवाज सरकार नहीं दबा सकती.

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30 सितम्बर को पूर्णिया में उनका प्रदर्शन आम जनता से जुड़े मुद्दों की अभिव्यक्ति है. वह कहते हैं, 'हम लोगों ने आम जनता को कल्याण और भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का भरोसा दिया था लेकिन इस उद्देश्य में भाजपा और जद (यु) गठबंधन की सरकार पिछड़ रही है.'

उदय के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 वर्ष पूर्व 'न्याय यात्रा' में जिन मुद्दों को उठाया था, उन्हीं मुद्दों को लेकर पूर्णिया में रैली होगी. उन्होंने कहा कि 'न्याय यात्रा' में जिन मुद्दों को उठाया गया था, उनका हल अब तक नहीं हुआ है. 'न्याय यात्रा' और 'वेदना रैली' एक समान है.

वहीं, विपक्ष ने इस 'वेदना रैली' को लेकर सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महासचिव और सांसद रामकृपाल यादव ने उदय की इस 'वेदना रैली' के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि वह एक सच्चे जनप्रतिनिधि की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का असली चेहरा उदय द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में सामने आ गया है.

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