लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर पटना सहित पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है. चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दूसरे दिन रविवार शाम व्रतियों ने खरना किया, जबकि सोमवार शाम व्रती गंगा के तट और विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे.
छठ पर्व को लेकर पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है. मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं. राजधानी पटना की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सज गई हैं, जबकि गंगा घाटों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है. आम से लेकर खास तक सभी लोग सड़कों की सफाई में व्यस्त हैं. हर कोई छठ पर्व में हाथ बंटाना चाह रहा है.
पटना में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है. पूरा माहौल छठमय हो उठा है. कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए हैं तो कई पूजा समितियों द्वारा लाइटिंग की व्यवस्था की गई है.
पटना में जिला प्रशासन द्वारा छठ पर्व के मद्देनजर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है. पटना के गंगा तट के छह घाटों के समीप व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए अस्थायी तालाब बनाए गए हैं, जबकि गंगा की धारा दूर होने के कारण पांच घाटों पर चचरी पुल का निर्माण कराया गया है. प्रशासन द्वारा कई घाटों को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है, जिसमें व्रतियों को न जाने की चेतावनी दी जा रही है.
पटना के जिलाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि पटना के गंगा घाटों को छह जोन में बांटा गया है, जहां सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. इधर, मुजफ्फरमुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर सहित सभी जिलों के गांव से लेकर शहर तक लोग छठ पर्व की भक्ति में डूबे हैं.
उल्लेखनीय है कि रविवार शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जल उपवास प्रारंभ हो गया. खरना का प्रसिद्घ प्रसाद गुड़ की बनी खीर और रोटी खाने के लिए लोग देर रात तक घरों से निकलते दिखे.
पर्व के तीसरे दिन सोमवार को छठव्रती शाम को नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. पर्व के चौथे दिन यानी मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही श्रद्घालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा. इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करेंगे.
छठ को लेकर पटना के गंगा के घाटों पर सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. इसके तहत प्रत्येक घाटों में दो गोताखोर मौजूद रहेंगे तथा रोशनी की पूरी व्यवस्था के साथ 32 मोटरबोटों से पुलिस पेट्रोलिंग का भी इंतजाम किया गया है. गंगा नदी में नाव के परिचालन पर रोक लगा दी गई है तथा छठ घाटों पर पटाखा छोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.