अधिकार यात्रा सम्मेलन के दौरान पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में बुधवार के भाषण से यूपीए को समर्थन को लेकर मीडिया के कयास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि यूपीए सरकार को समर्थन देना तो मेरी सोच के भी बाहर है.
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘यूपीए सरकार को समर्थन तो मेरी सोच के भी बाहर है. अधिकार सम्मेलन के दौरान सभा में कही गयी मेरी बात को आज की राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. मैंने 2014 के लोकसभा चुनावों के संदर्भ में बात कही थी.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने बयान दिया है कि बिहार के लोगों की राजनैतिक ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. 2014 में लोग एकजुट हो जाएं तो केंद्र में सरकार के गठन प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं. लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले दल को समर्थन दें.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वैसे भी मेरा व्यक्तिगत आकलन है कि यूपीए सरकार जायेगी नहीं. कांग्रेस के लोग बहुत ‘जुगाडू’ हैं. एक जाता है तो दूसरे को पकड़ लेते हैं.’ नीतीश ने कहा कि वह चार नवंबर की रैली के लिए लोगों को एकजुट कर रहे हैं. लोगों को एकजुट कर रहे हैं. यह लोगों को गोलबंद करने के लिए है.
भारत बंद के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘बंद स्वत:स्फूर्त रहा. यह तीन गंभीर मुद्दों को लेकर था. डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी, सब्सिडी युक्त रसोई गैस के कोटे में कमी और खुदरा व्यवसाय में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश की अनुमति गंभीर विषय है. यूपीए के लोग भी बंद को समर्थन कर रहे हैं यह गंभीर बात है. बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम है.’
उन्होंने कहा कि खुदरा व्यवसाय में एफडीआई को मंजूरी से बड़े पैमाने पर बेरोजगारी आयेगी. विदेशी पूंजी छोटे छोटे व्यवसायियों को रास्ते से हटायेगी.
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा अधिकार यात्रा पर टिप्पणी किये जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के अधिक हिमायती हैं तो उन्हें जुट जाना चाहिए.’
लालू द्वारा खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को समर्थन किये जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पता नहीं लालू जी बुद्धि कहां रखकर आये हैं. पहले गरीब के नेता थे और अब खुदरा दुकानों में उन्हें मक्खी भिनभिनाती दिखती है. उनकी सोच में परिवर्तन हो गया है. एफडीआई को समर्थन के पीछे उनकी (लालू) निगाहें तो कही और हैं.’ उन्होंने कहा कि लालू अब केवल मीडिया में बयानबाजी के भरोसे ही चल रहे हैं.