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बिना सोचे-समझे बोलना आजकल का फैशन: नीतीश

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे द्वारा बिहारवासियों के खिलाफ की गयी टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दी गयी अपनी प्रतिक्रिया पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा नीतीश पर सस्ती राजनीति का आरोप लगाए जाने पर नीतीश ने कहा कि आजकल बिना सोचे-समझे बोलने की परिपाटी बन गयी है.

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नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे द्वारा बिहारवासियों के खिलाफ की गयी टिप्पणी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दी गयी अपनी प्रतिक्रिया पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा नीतीश पर सस्ती राजनीति का आरोप लगाए जाने पर नीतीश ने कहा कि आजकल बिना सोचे-समझे बोलने की परिपाटी बन गयी है.

पटना स्थित रविंद्र भवन में शहीद जगदेव प्रसाद के 38वें शहादत दिवस पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का नाम लिए बिना नीतीश ने कहा कि आजकल बिना सोचे-समझे बोलने की परिपाटी बन गयी है.

चव्हाण के उस वक्तव्य पर कि किसी भी राज्य की पुलिस को किसी दूसरे राज्य में किसी आतंकवादी या अपराधी को गिरफ्तार करने जाने के लिए संबंधित राज्य की पुलिस को बताना आवश्यक नहीं है, नीतीश ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हंे कुछ बोलने से पहले बिहार के पुलिस महानिदेशक द्वारा भेजे गए को पत्र को देख लेना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हमने जो कहा वह गलत नहीं है पर उनके बोलने के बाद बहुत सारे राजनीतिज्ञों ने बोलना शुरू कर दिया.

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नीतीश ने कहा कि हमारे राज्य के पुलिस महानिदेशक ने मुंबई के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा था जिसका महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जवाब भिजवा देते. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री का बयान आया है कि बिहार के पुलिस महानिदेशक ने जो पत्र लिखा है उसमें कोई ऐतराज वाली बात नहीं है.

नीतीश कुमार ने कहा कि आजकल भावना भड़काने वाली बातें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि वे तो शुरू में कुछ नहीं बोलते पर मुंबई में बैठे-बैठे लोग फरमान जारी करते हैं, ऐसे में कभी-कभी बोलना पड़ता है.

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे द्वारा बिहारवासियों के खिलाफ की गयी टिप्पणी पर गत दो सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज ठाकरे का नाम लिए बिना कहा था कि यह महाराष्ट्र की सरकार और केंद्र सरकार की जिम्मेवारी होगी कि वह ऐसे तत्वों से निपटे और ऐसे तत्वों से जो नहीं निपटेगा वह आतंकवाद से क्या निपटेगा.

उन्होंने कहा कि आप एक सिर-फिरे व्यक्ति की बात कर रहे हैं जो खबरों में बने रहने के लिए इस तरह का बयान देता है, इतनी हैसियत किसी की नहीं है कि हमारी अस्मिता को चुनौती दे.

नीतीश ने कहा कि महाराष्ट्र की वर्तमान सरकार खासकर कांग्रेस पार्टी पर उन्हें अचरज है और ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी सारी जिम्मेवारी छोड दी है. शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे द्वारा दिए गए बयान पर नीतीश ने उद्धव का नाम लिए बिना कहा कि कुछ नेताओं का तो अद्भुत बयान आया, प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है और उनसे समर्थन कौन मांग रहा है.

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गौरतलब है कि ठाकरे ने कहा था कि यदि नीतीश कुमार देशद्रोहियों का समर्थन करते रहेंगे तो उनकी पार्टी नीतीश को अगले लोकसभा चुनाव में राजग के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्वीकार नहीं करेगी. नीतीश ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वे अगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमें आश्चर्य है कि देश की राजनीति किस दौड़ में चली गयी है. लड़ने से दिल्ली की गद्दी नहीं मिलती है. लड़ना है तो सामाजिक बुराई, कुरीतियों एवं अशिक्षा से लड़िये.

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