बिजली संकट का सामना कर रहे बिहार में 3000 मेगावाट क्षमता वाले परमाणु बिजलीघर लगाने के लिए सालों भर जल उपलब्धता वाले स्थल की तलाश जारी है.
बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के सीएमडी पीके राय ने बताया, ‘हमने प्रस्तावित परमाणु बिजली संयंत्र के लिए उपयुक्त स्थल की तलाश शुरू कर दी है. उसी स्थान को प्राथमिकता दी जाएगी जहां पर सालों भर जल की उपलब्धता हो.’
राज्य में 750 मेगावाट क्षमता के चार परमाणु बिजली घरों की स्थापना प्रस्तावित है. राय ने कहा कि इससे पहले नवादा जिले के रजौली में परमाणु बिजली घर के लिए 3000 एकड़ जमीन की पहचान की गयी थी क्योंकि वहां पर फुलवरिया और धराजय जलाशय से पानी की उपलब्धता थी.
न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने रजौली के प्रस्ताव को उपयुक्त नहीं माना और राज्य सरकार को अन्य स्थानों पर संभावना तलाशने को कहा गया है.
उन्होंने कहा कि सलाहकारों को कटिहार के कुरसेला, लखीसराय और बांका जिलों में परमाणु बिजलीघर के लिए जगह के तलाश करने को कहा गया है. जल की उपलब्धता प्रस्तावित परमाणु बिजली घर के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू होगी.
बहरहाल भाकपा माले ने बिहार में कही भी परमाणु बिजली घर की स्थापना करने का पूरी तरह विरोध करने का निर्णय किया है.
भाकपा माले के राज्य सचिव कुमार परवेज ने कहा, ‘हम कही भी परमाणु बिजली संयंत्र लगाने का पूरी तरह विरोध करते हैं.’