अगले लोकसभा चुनाव होने में अभी भले ही देरी हो परंतु बिहार की सतारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में देश के प्रधानमंत्री पद को लेकर सियासी पारा एक बार फिर गरम हो गया है.
बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री के सारे गुण पाए जाने जैसे बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) के नेता सफाई दे रहे हैं.
भाजपा के बिहार इकाई के महासचिव मंगल पांडेय कहते हैं कि दोनों दलों ने अभी से ही स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में फैसला समय आने पर किया जाएगा, तब अब यह विवाद का प्रश्न ही नहीं है.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार में गुण तो हैं तभी तो मुख्यमंत्री बने हैं.
इधर, जदयु के प्रवक्ता नीरज कुमार भी कहते हैं कि यह कोई मामला ही नहीं है. मुख्यमंत्री ने खुद को प्रधानमंत्री के पद के दावेदार से कई बार अपने आप को अलग करने वाला बयान दे चुके हैं. और जब वह प्रधानमंत्री पद का दावेदार ही नहीं हैं तो फिर गुण की बात ही कहां है.
सोमवार को हालांकि एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मोदी से इस साक्षात्कार के बारे में पत्रकारों द्वारा प्रश्न पूछा गया तो वह बिना कोई जवाब दिए ही चले गए.
उल्लेखनीय है कि मोदी ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए साक्षात्कार में कहा है कि नीतीश में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं. वह 2014 के आम चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे. हालांकि मोदी ने साक्षात्कार में यह साफ भी किया कि किसी भी गठबंधन में सबसे बड़े दल को ही सरकार का नेतृत्व करना चाहिए. इससे सरकार में स्थिरता मिलती है.
मोदी ने नीतीश को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में जाने की खबर को भी उन्होंने कोरा अफवाह बताया है.
मालूम हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ दिन पूर्व एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें राजग की ओर से सेक्यूलर छवि वाला शख्स ही प्रधानमंत्री के पद के रूप में मंजूर होगा.
उन्होंने साक्षात्कार में चुनाव के पूर्व ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम घोषित करने की मांग की थी.
वैसे मोदी का यह बयान भाजपा के किसी भी नेता का यह पहला बयान कहा जा रहा है जिसने प्रधानमंत्री पद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश के पक्ष में बयान दिया है.
ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व बिहार के मंत्री और जदयु के नेता भीम सिंह ने भी नीतीश को प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य बताते हुए अगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रमुख दावेदार बताया था. यह बयान देने के दूसरे दिन ही उन्हें हालांकि इसे लेकर सफाई देनी पड़ी थी.