डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश की सीमा बढ़ाकर 51 प्रतिशत करने को आत्मघाती बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि रोज-रोज ऐसे कदम से लगता है कि यूपीए सरकार का अंत नजदीक आ गया है.
इंस्टीट्यूशंस आफ इंजीनियर्स के एक कार्यक्रम से इतर मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और उसके बाद राज्यों के एतराज के बावजूद रिटेल क्षेत्र में एफडीआई की सीमा बढ़ाकर केंद्र ने आत्मघाती कदम उठाया है. वर्तमान केंद्र सरकार रोज-रोज आत्मघाती निर्णय लेती जा रही है. इससे लगता है कि यूपीए सरकार की चला चलंती (अंत समय) की बेला आ गयी है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गयी है. महंगाई से निपटने में केंद्र के पास इच्छाशक्ति नहीं है. डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर केंद्र सरकार ने पहले से ही महंगाई के बोझ से दबी जनता पर और बोझ लाद दिया है.’
उन्होंने कहा कि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का जितना विरोध किया जाए कम है. इससे खेती की लागत बढ़ेगी, माल भाड़ा बढ़ेगा, हर चीज की कीमत बढ़ेगी. इसका प्रभाव अन्य क्षेत्रों में भी पड़ेगा. ट्रांसपोर्टर भी अब भाड़ा बढ़ाने की चेतावनी दे रहे हैं.