नक्सली इलाके में रास्ता भटकने का डर क्या होता है यह कोई आमिर खान और उनकी टीम से जान सकता है. दरअसल, मंगलवार को बॉलीवुड एक्टर आमिर खान और उनकी टीम उस समय नर्वस हो गई, जब उन्हें पता चला कि वे गया के नक्सली इलाके में 10 किमी अंदर घुस गए हैं. हालांकि बाद में भूल का अंदाजा होने पर टीम सही रास्ते पर आ गई, लेकन इस दौरान सभी के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी.
जानकारी के मुताबिक, आमिर खान मंगलवार सुबह 9:30 बजे पटना पहुंचे थे, जहां से वह गया के गहलौर गांव के लिए रवाना हुए. आमिर यहां दशरथ मांझी के परिवार से मिलने जा रहे थे. आमिर और उनकी टीम के साथ इस दौरन बिहार पुलिस की टीम भी थी जो सुरक्षा के साथ ही रास्ता दिखाने का काम कर रही थी, लेकिन एक गलत मोड़ ने पूरी टीम के होश उड़ा दिए.
बताया जाता है कि जब आमिर खान को पता चला कि वह नक्सली इलाके में हैं और रास्ता भटक गए हैं तो वह काफी नर्वस हो गए. एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, 'आमिर घबरा गए थे. वह गाड़ी के अंदर किसी से लगातार फोन पर बात कर रहे थे और सही रास्ते की जानकारी ले रहे थे.' हालांकि आमिर खान ने कहा कि उन्हें नक्सलियों से डर नहीं लगता.
कहां और कैसे हुई चूक
तय कार्यक्रम के तहत आमिर खान और उनकी टीम पटना से गहलौर के लिए सड़क के रास्ते से रवाना हुई. उनके साथ बिहार पुलिस पार्टी की टीम भी थी. इसके साथ ही हर जिले में प्रवेश के बाद जिला विशेष की पुलिस टीम को आमिर के काफिले को लीड करना था. ऐसा हुआ भी, लेकिन बताया जाता है कि जहानाबाद के बाद जब राजगीर होते हुए टीम गया जिले में प्रवेश करने वाली थी तभी नालंदा पुलिस यह सोच कर काफिले से अलग हो गई कि आगे गया की टीम उन्हें लीड करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
वह 30 मिनट और रॉन्ग टर्न
बिहार पुलिस की टीम के बीच आपसी तालमेल की कमी का खामियाजा आमिर खान और उनकी टीम को भुगतना पड़ा. बताया जाता है कि राजगीर से दो रास्ते अलग-अलग दिशाओं में जा रहे थे. सही जानकारी नहीं होने के कारण आमिर खान का काफिला गलत रास्ते पर 10 किमी तक चला गया, जो असल में नक्सली इलाका है. इस बीच साथ चल रही बिहार पुलिस पार्टी को भूल का अंदाजा हुआ और उन्होंने गया पुलिस से संपर्क साधा, जिसके बाद टीम वापस राजगीर पहुंची और फिर सही रास्ते पर आगे बढ़ी.
बताया जाता है कि गलत रास्ता लेने और नक्सली इलाके में भटकने का यह पूरा वाकया लगभग 30 मिनट का रहा. इस दौरान पूरी टीम नर्वस रही और सभी पुलिस की इस भूल पर अचरज जताते दिखे. हालांकि इस भूल ने बिहार पुलिस की खामियों की ओर भी भौंहे टेढ़ी कर दी है, जिसने वीआईपी सुरक्षा को किसी सामान्य गतिविधी की तरह अंजाम दिया.