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पटना के आश्रय गृह में महिलाओं के साथ होता था उत्पीड़न, एफआईआर दर्ज

मुजफ्फरपुर कांड के बाद अब राजधानी पटना में महिलाओं के साथ उत्पीड़न का मामला प्रकाश में आया है. यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की समाज कल्याण विभाग को दिए ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट आने के लगभग तीन महीने बाद जागे बिहार के समाज कल्याण विभाग ने राजधानी पटना में शेल्टर होम चलाने वाली संस्था आईकार्ड के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

यह शेल्टर होम पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी के मकान नंबर 224 डी से संचालित होता था. जिसमें 50 महिलाएं थी जिन्हें इस मकान के ग्राउंड फ्लोर के चार कमरों में रखा गया था. टिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां महिलाओं के साथ अमर्यादित भाषा में बात की जाती थी. उन्हे प्रताड़ित किया जाता था और भोजन की गुणवत्ता भी ठीक नहीं थी.

समाज कल्याण विभाग की परियोजना प्रबंधक भारती प्रियंवदा ने 4 अगस्त को पटना के पाटलीपुत्र थाने में मामला दर्ज कराया. पुलिस के मुताबिक एनजीओ आईकार्ड के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409, 354, 120बी, 504 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज कर मामला की जांच की जा रही है.

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वहीं इस मकान की मालकिन अलका का कहना है कि वो हैदराबाद में रहती हैं जुलाई के दूसरे हफ्ते में अचानक एनजीओ ने यह मकान खाली कर दिया और किराया भी नहीं दिया.

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी. खुलासे के बाद इस बालिका गृह की गहन जांच शुरू हो गई. दरअसल टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस यानी टिस की टीम ने बिहार के बालिका आश्रय गृह पर सोशल ऑडिट रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग को सौंपी थी. इस टीम ने अपने जांच में पाया था कि बालिका गृह का रख रखाव सही नहीं है और रिपोर्ट में बच्चियों के साथ गलत व्यवहार की शिकायतें भी मिली थीं. उसके बाद यह मामला प्रकाश में आया.

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