बिहार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में अडानी समूह ने राज्य में अलग-अलग क्षेत्रों में 8700 करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला किया है, जिससे राज्य में 10000 नौकरियां पैदा होंगी. बिहार में निवेश का फैसला ग्रुप ने गुरुवार को बिहार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान लिया.
बैठक के दौरान यह घोषणा करते हुए, अदानी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अदानी ने कहा, 'हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम राज्य को विकसित करने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दृष्टिकोण के साथ हैं.
8700 करोड़ का निवेश करेंगे गौतम अडानी
उन्होंने कहा, ''वर्तमान में हमारी मौजूदगी लॉजिस्टिक्स, गैस वितरण और कृषि विज्ञान में है. बिहार में हमारा निवेश फिलहाल ₹850 करोड़ का है और हमारा इरादा आने वाले समय में निवेश को 10 गुना बढ़ाने का है.''
अडानी समूह द्वारा बिहार में ₹8700 करोड़ के निवेश की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब विपक्ष लगातार अडानी समूह पर हमलावर है और ग्रुप के मालिक गौतम अडानी का कनेक्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होने का आरोप लगाता है.
दिलचस्प बात यह है कि सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बार-बार पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी के बीच संबंधों पर सवाल उठाया है. अडानी समूह की बिहार में निवेश बढ़ाने की घोषणा से बीजेपी और नीतीश कुमार सरकार के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है.
बीजेपी ने आरजेडी पर साधा निशाना
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार सरकार पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार सरकार एक तरफ राज्य के विकास के लिए अडानी समूह से निवेश स्वीकार कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक लाभ के लिए गौतम अडानी की आलोचना कर रही है.
उन्होंने कहा, "यह दोहरे मापदंड का स्पष्ट मामला है, हाथी के दांत खाने के और दिखाने के कुछ और. उद्योगपति और पूंजीपति विकास की दिशा में काम कर रहे थे और राज्य सरकारें भी उनके निवेश को स्वीकार कर रही थीं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर वे अडानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जोड़ रहे थे. विपक्ष केवल लोगों को गुमराह कर रहा है. विपक्ष को बिहार के विकास की कोई परवाह नहीं''
आरजेडी ने किया पलटवार
दूसरी ओर, राजद ने बिहार में अडानी समूह के निवेश का बचाव किया और दावा किया कि सरकार किसी भी राज्य में समूह के निवेश के विरोध में नहीं है, लेकिन अडानी समूह को पूरी तरह से मदद करने के लिए केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ है.
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'अगर सरकार किसी उद्योगपति को उसके गलत कामों के लिए बचाती है या गलत तरीके से मदद करती है तो विपक्ष का काम है सवाल उठाना. अडानी समूह से जुड़े ऐसे उदाहरण हैं कि हमें भाजपा सरकार को आईना दिखाना पड़ा. विपक्ष किसी भी राज्य में किसी भी औद्योगिक समूह के द्वारा निवेश के विरोध में नहीं है"