चमकी बुखार मामले में बिहार सरकार के बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र के जवाब में कहा गया कि स्वास्थ्य सेवाएं राज्य का मामला है लेकिन मौजूदा हालात में केंद्र ने बिहार सरकार कि मदद कर हर संभव प्रयास किया. साथ ही राज्य में डॉक्टर, नर्स और लैब की कमी दूर करने में भी योगदान दिया.
इससे पहले बिहार सरकार ने हलफ़नामे में कहा था कि केंद्र के सहयोग से मुज़फ़्फ़रपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 100 बिस्तरों वाला बच्चों का आईसीयू शुरू किया जाएगा. राज्य के 5 अलग-अलग क्षेत्रों के जिलों में वायरोलॉजी लैब स्थापित किए जाएंगे. साथ ही बच्चों के लिए 10-10 बिस्तरों वाले आईसीयू भी शुरू करेंगे.
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में माना था कि बिहार में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं .लेकिन केंद्र के जवाब से साफ है कि भले ही स्वास्थ्य राज्य का विषय है पर जरूरत पड़ने पर वह हर तरह से मदद को तैयार है.
आपको बता दें कि चमकी बुखार के कारण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर किरकिरी हुई थी जिससे उनकी सुशासन बाबू वाली छवि पर चोट पहुंची. बच्चों की लगातार मौतें होने के बावजूद नीतीश कुमार बहुत देर बाद सक्रिय हुए. बिहार की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था और राज्य सरकार की लापरवाही देख सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था.