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पहले बेगूसराय, अब भागलपुर... बिहार में नहीं थम रहा निर्माणाधीन पुलों के ढहने का सिलसिला

बिहार में एक बार फिर निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया, जिसका वीडियो सामने आया है. इस बार घटना भागलपुर की है. लेकिन पुल गिरने की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी लाखों-करोड़ों की लागत से बनने वाले पुल इसी तरह ढह चुके हैं. चलिए एक नजर डालते हैं बिहार के ऐसे ही कुछ पुल हादसों पर...

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भागलपुर और बेगूसराय में पुलों के ढहने की तस्वीरें.
भागलपुर और बेगूसराय में पुलों के ढहने की तस्वीरें.

बिहार के भागलपुर में रविवार को निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया, और देखते ही देखते गंगा नदी में समा गया. फिलहाल किसी तरह की जनहानि की कोई सूचना नहीं है. लेकिन पुल गिरते ही अफरा-तफरी का माहौल बन गया. पुल से कुछ ही दूरी पर खड़े लोगों ने इस खौफनाक मंजर को अपने मोबाइल कैमरा में भी कैद किया है. बता दें, बिहार में निर्माणाधीन पुल गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है. छह महीने पहले यानी दिसंबर 2022 में भी बेगूसराय में गंडक नदी पर बना पुल इसी तरह ढह गया था. वो भी उद्घाटन से पहले ही.

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गंडक नदी के पुल को 14 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था. तो वहीं, भागलपुर के पुल को 1717 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा था. बता दें, भागलपुर पुल के गिरने का जो वीडियो सामने आया है उसमें दिख रहा है कि निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर गिरा है. हालांकि, अभी तक पुल गिरने की वजह साफ नहीं हो पाई है. बताया जा रहा है कि पुल के तीन पाए के ऊपर बना स्ट्रक्चर भरभराकर गिर गया. भागलपुर के सुल्तानगंज में बन रहा यह सेतु खगड़िया और भागलपुर को आपस में जोड़ेगा. 

चलिए नजर डालते हैं बिहार की ऐसी ही पुल ढहने की कुछ घटनाओं पर...

15 मई को पूर्णिया में ढलाई के दौरान एक बॉक्स ब्रिज भरभरा कर गिर पड़ा था. घटना बायसी प्रखंड के चंद्रगामा पंचायत के मिलिकटोला हाट के सलीम चौक की है. फरवरी महीने में ही बायसी के खपड़ा से 1 करोड़ 14 लाख की लागत से बन रहे एक पुल के ढहने का मामला सामने आया था. इस घटना में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. फिर 3 महीने के भीतर यह पुल फिर जमींदोज हो गया.

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उससे पहले सहरसा जिले में भी जून 2022 में सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर एक निर्माणाधीन पुल गिर गया था. वह पुलिस 147 लाख रुपये की लागत से बनना था. तब विभाग का कहना था कि ठेकेदार को सेंटरिंग बदलने को कहा गया था. लेकिन आनन-फानन में ठेकेदार ने पुल की ढलाई कर दी.

यही नहीं, उससे भी पहले सुल्तानगंज-अगुवानी पुल का सेगमेंट ढह गया था. जिसे लेकर कहा गया कि आंधी-पानी की वजह से पुल क्षतिग्रस्त हुआ. उससे पहले श्री कृष्ण सेतु का एप्रोच पथ धंस गया था. वहीं गोपालगंज के पुल को भी नहीं भुलाया जा सकता. जिसके उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही एप्रोच पथ नदी की तेज धारा में बह गया था. इन सभी घटनाओं ने राजनीतिक गलियारों के साथ-साथ देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं.

जुलाई 2022 में, बिहार के कटिहार जिले में एक निर्माणाधीन प्रबलित सीमेंट कंक्रीट (आरसीसी) पुल गिरने से 10 मजदूर घायल हो गए थे. कटिहार के दो ब्लॉक समेली और बरारी को जोड़ने के लिए कोसी नाले पर पुल का निर्माण एक करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा था. 2021 में ही इसकी आधारशिला रखी गई थी. 

बता दें, इसके पहले किशनगंज, सहरसा और भागलपुर में निर्माणाधीन पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गए थे.

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