बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सरकार ने कड़े से कड़े कानून बनाए लेकिन आंकड़े बताते हैं. कड़े कानून के बावजूद शराब की तस्करी में बढ़ोतरी दिख रही है, क्या लोगों में कानून का डर खत्म हो गया है. पूर्ण शराबबंदी 5 अप्रैल से बिहार में लागू है. बिहार के मुखिया नीतीश कुमार शराबबंदी अभियान को लेकर काफी उत्साहित भी हैं.
बिहार सरकार ने शराबबंदी को एक अभियान के रूप में चला भी रखा है. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए विधानसभा से कठोर कानून भी बनाए गए, लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. बिहार में शराब की तस्करी बंद होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि ये हकीकत सामने आई है कि उत्पाद विभाग द्वारा जारी आंकड़ों से.
कड़े कानून के बावजूद शराब की तस्करी
शराबबंदी को लेकर बनाए गए कठोर कानून से लोगों में भय पैदा होने के बजाए डर खत्म होता जा रहा है. यही कारण है कि प्रतिदिन बिहार के किसी न किसी जिले में शराब की बड़ी खेप पकड़ी जा रही है. शराब की तस्करी करते लोग पकड़े भी जा रहे हैं और उनको बेल भी मिलती जा रही है. यही नहीं, शराब पीते कई राजनेता भी पकड़े गए और उनको भी बेल मिल गई. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में फिर कैसी शराबबंदी?
शराब को लेकर जेल जाने वालों की संख्या में इजाफा
गुरुवार को पटना में उत्पाद विभाग के आयुक्त आदित्य कुमार दास द्वारा जारी आंकड़ा बताते हैं कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से प्रतिमाह जेल भेजे जाने वाले लोगों की संख्या में कमी के बजाए इजाफा हुआ है. उत्पाद विभाग के आंकड़े ये बताते हैं कि अप्रैल 2016 में 1281, मई 2016 में 2364, जून 2016 में 2669, जुलाई 2016 में 3324 और अगस्त 2016 में 4167 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. अब सवाल है कि अगर लोगों में शराबबंदी को लेकर बनाए गए कानून का डर होता तो इतने लोग गिरफ्तार नहीं होते. अगर इन गिरफ्तार किए गए लोगों में से जमानत मिलने के आंकड़ों पर गैर करें तो अप्रैल 2016 में 583, मई 2016 में 1112, जून 2016 में 1296, जुलाई 2016 में 2331 और अगस्त 2016 में 668 को जमानत भी मिल गई.
लगातार जगह-जगह शराब की बरामदगी
शराबबंदी के बाद बिहार में बड़े पैमाने पर उत्पाद विभाग और बिहार पुलिस के संयुक्त प्रयास से शराब की बरामदगी भी की गई. 1 अप्रैल 2016 से 31 अगस्त 2016 तक पूरे बिहार में कुल 85171 छापामारी की गई, जिसमें 13839 लोगों को गिरफ्तार किया गया और उसमें से 13805 लोगों को बिहार के विभिन्न जेलों में भेजा गया. इस दौरान सम्पूर्ण बिहार में कुल 11679 लीटर विदेशी शराब, 92291.47 लीटर देशी शराब, 26524.26 लीटर स्प्रीट, 9763.99 लीटर बीयर के अलावा देशी शराब बनाने के सामान बरामद किए गए. विदित हो कि बिहार में शराबबंदी के बाबजूद गोपालगंज जिले में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई. विसरा रिपोर्ट से अब इस बात की पुष्टि भी हो गयी कि ये 19 मौतें जहरीली शराब पीने से ही हुई है. गोपालगंज की घटना को लेकर सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी.