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JDU अध्यक्ष ने लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाला में क्या गलत याचिका डाली थी? सुशील मोदी के बाद अब रविशंकर प्रसाद का हमला

बिजेपी से राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी एक दिन पहले ललन सिंह के खिलाफ एक के बाद एक कई खुलासे किए था. उन्होंने कहा था कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष में अगर हिम्मत है, तो सार्वजनिक ऐलान करें कि उन्होंने लालू परिवार के खिलाफ सीबीआई को फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए थे, जिसके कारण उनको यह सजा हुई है. उन्होंने कहा था कि जिस IRCTC घोटाले में तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की, उसके कागजात एजेंसी को ललन सिंह ने दिए थे. जमीन के बदले नौकरी का मामले में भी ललन सिंह ने ही उजागर किया था.

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रविशंकर प्रसाद और विजय सिन्हा ने महागठबंधन सरकार पर बोला हमला (फाइल फोटो)
रविशंकर प्रसाद और विजय सिन्हा ने महागठबंधन सरकार पर बोला हमला (फाइल फोटो)

बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी के बाद अब पटना साहिब के बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने रविवार को भागलपुर में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और आरजेडी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चारा घोटाले मामले में ललन सिंह के साथ-साथ शिवानंद तिवारी ने भी याचिका दाखिल की थी. उन्होंने ललन सिंह से सवाल पूछा कि क्या उन्होंने उस समय गलत याचिका डाली थी.

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एक दिन पहले सुशील मोदी ने सिलसिलवार ट्वीट करके कहा था कि अगर हिम्मत हो तो ललन सिंह और आरजेडी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी  घोषणा करें कि लालू प्रसाद निर्दोष हैं और उनके विरुद्ध दिए गए उनके सारे कागजात फर्जी हैं. जो खुद तीन माह में बदल गए, उन्हें दूसरों पर तंज कसने का क्या हक है? ललन सिंह का बयान आया है कि बीजेपी बदल गई. कितना बदल गया इंसान, ललन सिंह हम नहीं बदले हैं. बदले तो आप हैं. आप थे जिसने चारा घोटाले के सारे दस्तावेज सीबीआई को उलब्ध कराए. आप कोर्ट गए और आपके कारण लालू परिवार को पांच मामलों में सजा हुई है.

भ्रष्टाचार के तीन स्तंभों पर खड़ी है महागठबंधन सरकार

रविशंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वर्तमान महागठबंधन सरकार तीन स्तंभों पर टिकी है- पहला वे जो भ्रष्टाचार के मामले में सजा पा चुके हैं, दूसरा वे जो भ्रष्टाचार के आरोप में सजा पाएंगे और तीसरा वे जो भ्रष्टाचारियों को बचा रहे हैं. उन्होंने नीतीश कुमार को अब सुशासन बाबू नहीं कहना चाहिए क्योंकि वह इन तीन खंभों पर खड़े हैं.

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लालू पर कार्रवाई के खिलाफ पहले सवाल क्यों नहीं उठाए

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने महागठबंधन की सरकार पर निशा साधा. उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठकर सरकारी संस्थाओं के खिलाफ बोलना गलता है. संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है. पोस्टर के जरिए मजाक उड़ाया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है. ऐसे लोगों को सरकार में रहने का कोई अधिकार नहीं. जब एनडीए में जदयू थी और लालू के खिलाफ कार्रवाई हुई तब सवाल नहीं उठाए गए तो अब क्यों उठाए जा रहे हैं? 

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार की फाइल अगर खुल रही है तो आप क्यों घबरा रहे हैं? क्यों बेचैनी है? जो ईमानदारी से काम करता है, उसे डर नहीं सताता है. जो डरते हैं, उनके काम में गलती जरूर होती है.

नीतीश कुमार की पीएम की उम्मीदवारी पर विजय सिन्हा ने कहा कि देश की जनता को तय करना है पीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा विपक्ष में जब राजद और कांग्रेस थी तो उछल उछल कर इस कानून का विरोध कर रही थी.

बिहार में करोड़ों रुपये का हुआ है घोटाला

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नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने शनिवार को बिहार में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया. उन्होंने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 19 मार्च 2021 को बिहार विधानसभा में चार विधायकों द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें बताया गया था कि बिहार कौशल विकास मिशन कार्यक्रम के तहत 2016 से युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए नॉलेज पार्टनर के रूप में एमकेसीएल (MKCL), पुणे का चयन किया गया है.

इस कंपनी को ट्रेनिंग के बाद युवाओं को रोजगार की जानकारी के लिए प्लेसमेंट पोर्टल का प्रावधान करना था, लेकिन तीन साल तक पोर्टल की व्यवस्था नहीं की गई लेकिन पोर्टल के नाम पर सरकार से करोड़ों रुपये ले लिए गए. जनवरी 2020 में पोर्टल खोला गया. कंपनी की झूठी सूचना और पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि का गबन किया गया.

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