बिहार विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है. बीजेपी के सदस्य विपक्ष की भूमिका में आ गए हैं. सदन के शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की घोषणा की.
सदन की बैठक शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया. इसके बाद इस पर बहस शुरू हुई. अध्यक्ष ने सदन को बताया कि दोपहर एक बजे से लेकर दो बजे तक विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने बताया कि बीजेपी राज्य में विपक्ष की भूमिका बखूबी निभाएगी. उन्होंने कहा कि सता पक्ष में रहते हुए भी राज्य के विकास के विषय को बीजेपी ने प्राथमिकता बनाई थी, और आज भी बीजेपी विकास की रणनीति पर चलेगी.
इस बीच, बिहार विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बीजेपी के सदस्य सदन से बाहर चले गए. बीजेपी सदस्यों ने विश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान में हिस्सा ना लेने का भी फैसला किया है. विश्वास प्रस्ताव पर शुरू हुई चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष, नंदकिशोर यादव ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर इस विश्वास प्रस्ताव के क्या मायने हैं. उन्होंने तो सरकार से विश्वासमत हासिल करने की मांग ही नहीं की है.
उन्होंने मुख्यमंत्री पर जनादेश के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केवल सत्ता के कारण मूल विचारों से जेडीयू भटक गई है. इस कारण जुगाड़ तकनीक में माहिर लोग तो वोट का जुगाड़ कर ही लेंगे. ऐसे में मतदान का क्या मतलब है. असल मतदान तो जनता की अदालत में होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी सदस्य इस मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे. इसके साथ ही बीजेपी सदस्य सदन से बाहर चले गए.
उधर, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के विधायक सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे, जबकि आरजेडी सरकार के खिलाफ मतदान करेगी. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के विधायकों ने भी नीतीश के पक्ष में मतदान करने की घोषणा की है.
जोड़तोड़ की गणित के बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि नीतीश विश्वास मत हासिल कर लेंगे, लेकिन अब नीतीश सरकार को भारी विपक्ष का दबाव झेलना पड़ेगा.
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 118 विधायक जेडीयू के, 91 विधायक बीजेपी के, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के एक-एक, आरजेडी के 22 और निर्दलीयों की संख्या 6 है. विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों की दरकार है.
गौरतलब है कि बीजेपी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जेडीयू ने रविवार को बीजेपी से 17 साल पुराना रिश्ता तोड़ लिया. इसके बाद बीजेपी ने जेडीयू पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विश्वासघात दिवस मनाया और बिहार बंद का आयोजन किया. इस दौरान बीजेपी और जेडीयू के कार्यकर्ताओं में आपस में भिड़ंत भी हुई.