बिहार में चल रही सियासी उठापटक के बीच बुधवार को राज्य में सर्वदलीय बैठक शुरू हुई. इस बैठक में जेडीयू के विजय चौधरी, बीजेपी के नंद किशोर यादव, स्पीकर, कांग्रेस के सदानंद सिंह और आरजेडी के बारी सिद्दिकी पहुंचे. बीजेपी ने इस बैठक का बहिष्कार कर दिया जिसके बाद नंद किशोर यादव बैठक बीच में ही छोड़कर उठ गए.
गौरतलब है कि जेडीयू ने मंगलवार को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल में शामिल पार्टी के सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया, वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आगे की रणनीति तय करने के लिए बुधवार को पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाई थी. जेडीयू के महासचिव के. सी. त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने अनुशासनहीनता के आरोप में मांझी मंत्रिमंडल में शामिल सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया.
निलंबित होने वाले मंत्रियों में नरेंद्र सिंह, वृषिण पटेल, भीम सिंह, महाचंद्र प्रसाद, सम्राट चौधरी, नीतीश मिश्रा और शाहीद अली खान शामिल थे. मांझी मंत्रिमंडल में शामिल विनय बिहारी निर्दलीय विधायक हैं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने 2 फरवरी को मांझी मंत्रिमंडल में शामिल जेडीयू के मंत्रियों को पत्र लिखकर इस्तीफा देने को कहा था, लेकिन मंत्रियों ने इस्तीफा नहीं दिया. इसी के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को इन पर कार्रवाई करने की सिफारिश की थी.
जेडीयू मांझी को पहले ही पार्टी से निकाल चुका है. इधर, बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा था कि बीजेपी का रुख स्पष्ट है और सारे विकल्प खुले हुए हैं. उन्होंने कहा था, 'बीजेपी विधायक दल की बैठक बुधवार को बुलाई गई है. इस बैठक में 20 फरवरी की रणनीति पर विचार किया जाएगा.'
गौरतलब है कि राज्यपाल ने मांझी को 20 फरवरी को सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. इसी दिन से विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू होगा. सोमवार को पटना हाई कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जीतनराम मांझी सरकार को नीतिगत फैसला लेने पर रोक लगा चुका है, जिसे मांझी के लिए करारा झटका माना जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खेमा अभी भी 130 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है. बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों की जरूरत है. सदन के अंकगणित पर गौर करें तो 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में इस समय 10 सीटें खाली हैं. वर्तमान में जेडीयू के 111, बीजेपी के 87, कांग्रेस के 5, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के 24, निर्दलीय पांच और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य हैं.