बिहार में बढ़ते कोविड-19 के मामले को देखते हुए 17 अप्रैल को राज्यपाल फागू चौहान के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है जिसके बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि इस बैठक में बिहार में संक्रमण की मौजूदा स्थिति समेत आगे इस पर काबू पाने के लिए क्या इंतजाम किए जाएं इस पर चर्चा होगी.
नीतीश कुमार ने कहा, “बिहार में कोविड-19 से हालत और ज्यादा खराब होने की स्थिति में क्या कदम उठाने है इसको लेकर सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी.” बिहार में तेजी से बढ़ते संक्रमण के मामले को देखते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और रोजाना एक लाख से ज्यादा टेस्टिंग हो इसका लक्ष्य प्राप्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर सभी राज्यों के राज्यपाल के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है और इसी क्रम में 17 अप्रैल को बिहार में भी ऐसी ही एक बैठक का आयोजन किया गया है. दूसरे प्रदेशों से बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर भी नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी बिहार वापस लौटना चाहता है वह जल्द से जल्द आ सकता है.
सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद लोगों से अपील की कि लोगों को सामने आकर जल्द से जल्द टीका लेना चाहिए.नीतीश ने कहा कि वह खुद अपनी कोविड-19 की जांच लगातार करवाते रहते हैं क्योंकि वह रोजाना कई लोगों से मिलते हैं और संक्रमण का खतरा बना रहता है.
बेड की किल्लत को लेकर देर से चेती सरकार?
बता दें कि बिहार में एनएमसीएच को पिछले साल कोविड से लड़ने के लिए तमाम उपकरणों से लैस किया गया था. इस अस्पताल की क्षमता 700 बेड की है, लेकिन कोविड में दो गज की दूरी के गाइडलाइंस के तहत 450 बेड लगाए गए थे. लगभग सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा भी उपलब्ध करा दी गई थी, लेकिन जब धीरे-धीरे कोरोना का प्रकोप कम हुआ तो इसमें ओपीडी शुरू किया गया.
फिर यह अस्पताल कोविड को भूल कर अन्य बीमारियों का इलाज करने लगा. लेकिन होली के बाद से स्थिति भयावह होती चली गई. जिसके बाद अब एनएमसीएच में पिछले साल की तरह केवल कोरोना के मरीज ही भर्ती होंगे. इससे बेड की संख्या भी बढ़ेगी.